खलंगा में जंगल कटाई और अतिक्रमण पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा ज्ञापन

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खलंगा में जंगल कटाई मामले पर कांग्रेस ने प्रमुख वन संरक्षक को सौंपा ज्ञापन

खलंगा क्षेत्र में जंगलों की अवैध कटाई और भूमि अतिक्रमण मामले पर अब सियासत गरमाने लगी है. कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को राज्य के प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व युवा इंटक के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह क्षेत्री और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पॉल ने किया.

खलंगा में जंगल कटाई मामले में एक के खिलाफ केस दर्ज

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि खलंगा क्षेत्र में भूमाफिया साल के पेड़ों की अवैध कटाई कर रहे हैं, जो पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन है और वन विभाग की लापरवाही भी दर्शाता है. क्षेत्री ने बताया कि इस अवैध कटाई का खुलासा तब हुआ जब स्थानीय पत्रकार रोहित वर्मा और उनकी पत्नी दीपशिखा रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी सार्वजनिक की. इसके बाद विभाग ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण सामग्री जब्त की और अशोक अग्रवाल नाम के व्यक्ति पर वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया.

कांग्रेस ने की भूमाफियाओं पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख वन संरक्षक से स्वतंत्र जांच समिति बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच, रायपुर रेंज के अधिकारियों को जांच से अलग रखने, दोषी वन कर्मियों पर सस्पेंशन और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और भूमाफियाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. सुझाता पॉल ने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके. वहीं पर्यावरण कार्यकर्ता दीपशिखा रावत ने चेताया कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो देहरादून का ऑक्सीजन बैंक खतरे में पड़ सकता है.

प्रमुख वन संरक्षक ने दिए सर्वे का आश्वासन

प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि खलंगा क्षेत्र का सर्वे कराया जाएगा, डीम्ड फॉरेस्ट की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और अवैध कब्जों को जल्द हटाया जाएगा. बता दें मामले का वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी संज्ञान लिया है. जिसके बाद मंत्री ने प्रमुख वन संरक्षक को मामले की जांच कर तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही देहरादून के डीएम सविन बंसल को भी वन विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं