छात्रों को छेड़ने के बाद कानून व्यवस्था बनाने में नाकाम पुलिस , सीएम धामी एक्शन में कुछ अधिकारियों पर गिर सकती है गाज#yuvamaangecbi

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देहरादून एस केटी डॉट कॉम

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देहरादून पुलिस छात्रों को समझाने में नाकाम रहने के बाद जिस तरह से उसने लाठीचार्ज किया और उसके बाद तुमने जिस तरह से मुख्य सड़कों को अपने कब्जे में ले लिया और राहगीरों को भी जाने नहीं दिया उसका सीधा असर अब सीएम धामी का पर पड़ा है और वह बहुत जल्दी ही पुलिस विभाग के द्वारा इस तरह से लापरवाही भरी कार्यवाही के लिए अंजाम देने अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

देहरादून की राजपुर रोड आज बेरोजगार युवाओं ने घेरी हुई थी मुद्दा बिलकुल सही हैं बेरोजगारों क़ो रोजगार चाहिए लेकिन पेपर लीक जैसे मामलों ने युवाओं के सब्र का बांध तोड़ दिया हैं कल देहरादून के गाँधी पार्क में शांति पूर्ण धरना युवाओं ने दिया लेकिन देर रात देहरादून पुलिस की कार्यवाई और उनके द्वारा किए गए बल प्रयोग ने युवाओं क़ो आक्रोषित कर दिया और बड़ी संख्या में युवाओं ने देहरादून की VIP सड़क क़ो घेर दिया

हालांकि अगर पुलिस क़ो देर रात कार्यवाई करनी थी तो फिर सुबह क़ानून व्यवस्था ठीक रहें इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई लेकिन सुबह से ही देहरादून की सड़को पर अराजकता दिखाई दी युवाओं ज्यादातर युवा शांति के साथ आंदोलन करते दिखाई दिए लेकिन कई ऐसे थे जिन्होंने जनता क़ो परेशान किया लोगों की गाड़िया नहीं जाने दी गई पूरे दिन भर देहरादून के लोग परेशान रहें लेकिन पुलिस 3 बजे के बाद सक्रिय हुईदेहरादून में गुरुवार को गांधी पार्क के सामने विरोध करने युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिसके चलते यहां जाम लगाया गया है। घंटाघर से राजपुर रोड की तरफ ट्रैफिक जाम हो गया। उन्होंने मांग उठाई कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।


युवाओं क़ो समझाने का काम भी होता दिखाई नहीं दिया वही पुलिस के आला अधिकारी आएं भी तो उनके साथ भी कुछ युवा अभद्रता करते दिखाई दिए


साथ ही जब तक नकलरोधी कानून नहीं बन जाता, तब तक कोई भी भर्ती परीक्षा न कराई जाए।विरोध प्रदर्शन करते हुए गांधी पार्क से घंटाघर पहुंचे युवाओं ने जाम लगाया तो पुलिस ने युवाओं पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया।राजधानी देहरादून में आज राजपुर रोड पर सुबह से ही युवाओं की भीड़ प्रदेशभर से जुटने लगी, बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस इंटेलिजेंस को इतनी भारी संख्या में भीड़ जुटने की आशंका नहीं थी

फिर इसे लापरवाही कहा जाए।वही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सहित शासन प्रशासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी भी उक्त घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं, विशिष्ट सूत्र ‘बताते हैं कि इस प्रकरण से मुख्यमंत्री धामी काफी नाराज बताये जा रहे हैं और वहीं जिले के कुछ अधिकारियों पर भी गाज गिरने की बातें निकल कर आ रही है।