Pitru Paksha 2024 : भूलकर भी न करें पितृ पक्ष में इन चीजों का दान, वरना हो जाएंगे कंगाल, जानें

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भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत हो जाती है। तो वहीं अमावस्या तिथि में इसका समापन हो जाता है। आज यानी 17 सितंबर से पितृ पक्ष(Pitru Paksha 2024) शुरु हो गए है। इस दिनों श्राद्ध कर्म के कार्यों के साथ दान भी किया जाता है। इन दिनों दान का काफी महत्व माना जाता हैं।


कहा जाता है कि इससे पितरों को मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष पर किया गया दान 100 गुना अधिक लाभदायी होता है। लेकिन कुछ चीजों का दान शास्त्रों में वर्जित माना गया है। गलत चीजों का दान करने से व्यक्ति को पिृतदोष लग जाता है। जिससे वो कंगाल भी हो सकता है। ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में जानते है कि पितृपक्ष में किन चीजों का दान नहीं करना चाहिए और किन का करना चाहिए।

पितृ पक्ष में क्या ना करें दान:-
जूते चप्पल और कपड़ों का दान
ज्यादातर लोग Pitru Paksha में कपड़ों को दान में देते है। कपड़ों को दान करने की मनाही नहीं है। लेकिन इस बात का आप जरूर ख्याल रखें कि कपड़े पुराने ना हो। पितृपक्ष में नए कपड़ों का दान करते है। ऐसे कपड़ों को दान में देना चाहिए जो व्यक्ति के आसानी से काम आ जाए। एक बात और जूते चप्पलों का दान पितृपक्ष में बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। इससे आपको राहु दोष भी लग सकता है।

दान न करें ऐसे बर्तन
लोहे के बर्तनों का दान इन दिनों करने से बचे। दरअसल शास्त्रों चांदी या स्टील के बर्तनों का दान उचित माना गया है।लोहे के बर्तन दान करने से पित्र नाराज हो जाते है। उनकी नाराजगी के चलते आपको पितृदोष लग सकता है।

न करें झाड़ु का दान
कहा जाता है कि इन दिनिों झाडू का दान नहीं करना चाहिए। इससे आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही पितृ पक्ष के समय नया झाडू भी नहीं लिया जाता।

तेल का दान करने से बचें
मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में तेल का दान करने से बचना चाहिए। इससे आपको पितृ नाराज हो जाते है। सरसों का तेल इन दिनों दान में नहीं दिया जाता।

पितृपक्ष में इन चीजों का दान होता है शुभ
अन्न का दान करना पितृ पक्ष में काफी फलदायी साबित होता है। संकल्प लेकर गेहूं, चावल के अलावा आप दूसरा अनाज भी दान कर सकते है। शाश्त्रों में संकल्प लेकर दान करने का विशेष महत्व है।
इन दिनों दो वस्त्रों का दान तो जरुर ही करना चाहिए। इसका काफी महत्व है।
सोने का भी दान किया जा सता है। इसे दान की श्रेणी में सबसे ऊपर रखा गया है।सामार्थ्य के अनुसार व्यक्ति पितृपक्ष में दान कर सकता है।
आर्थिक रूप से संपन्न व्यक्ति इन दिनों किसी बेसहारा व्यक्ति को भूमि का टुकड़ा या फिर संपत्ति भी दान में दे सकता है।इससे आपकी आने वाली पीढ़िया को भी इसका पुण्य मिलता है।
शुद्ध गाय का देसी घी भी दान किया जाता है।