आशाओं का लगातार धरना, इसलिए आना पड़ा महिला कांग्रेस नेत्रियां को

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हलद्वानी एसकेटी डॉटकॉम

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प्रदेशभर की आशाओं को अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर जगह जगह धरना धरना दे रही है। हल्द्वानी के महिला के अस्पताल के प्रांगण मे आशा कार्यकर्ताओं का विगत 4 दिनों से धरना अनवरत जारी रहा।

आशाओं के धरने को समर्थन देने के लिए आज महिला कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी कि कई महिलाएं इन्हें समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंच गई। आशाओं की मासिक वेतन ,राज्य कर्मचारियों के तौर पर पहचान देने की मांग मुख्य रूप से है। इसके अलावा कोरना का हाल में ड्यूटी के दौरान अपनी जान गवा बैठे आशाओं के आश्रितों को आर्थिक पैकेज देने की भी मांग इनकी है।

इसके अलावा 15 सालों से कार्य कर रही आशाओं ने उन्हें पेंशन देने की भी मांग की है। महिला बेस अस्पताल के प्रांगण में हल्द्वानी एवं इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे आशा कार्यकर्ताओं ने अपना धरना प्रदर्शन जारी रखते हुए जोरदार नारेबाजी की आशाओं का कहना है कि उन्हें भी 21 हजार मासिक वेतन दिया जाए इसके अलावा उन्हें राज्य कर्मचारियों की तरह मिलने वाली सभी सुविधाएं भी बहाल की जाएं।

बुजुर्ग हो चुकी आशाओं को पेंशन भी दी जाए एक्टू से संबंधित इन आशाओं ने आज जोरदार प्रदर्शन किया। आशाओं को समर्थन देने के लिए महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं हल्द्वानी विकासखंड की पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी के नेतृत्व में दर्जनों महिला कार्यकर्ताओं ने ने आशाओं को समर्थन दिया।

संध्या डालाकोटी ने कहा कि वह आशाओं की मांगों से पूरा इत्तेफाक रखती हैं। आशाएं ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती एंड प्रसूता की देखभाल करती हैं कई वर्षों से वह मात्र कुछ के कुछ सौ रुपए में कार्य कर रही है जिससे कि उनके घर का गुजारा नहीं होता है इसलिए इनकी मासिक वेतन की मांग पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करें।

इनकी मांगों पर विचार नहीं होने पर कॉन्ग्रेस इनके साथ खड़ी होकर उनके आंदोलन को और उग्र करेगी एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर चुनाव से पूर्व ही इनकी मांग को नहीं माना गया तो आगामी 2022 में कांग्रेस की सरकार आने पर इनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर इनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने का काम किया जाएगा।

प्रदेश महामंत्री शोभा बिष्ट ने भी उनकी मांगों को उचित बताते हुए सरकार को अविलंब आशाओं को मानदेय बढ़ा कर देना चाहिए ताकि उनके घर की गुजर-बसर सही तरीके से हो सके। कोरना काल में जिन आशाओं ने अपनी जान गवाई है उनके परिवार को आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिए ।

इस मौके पर प्रदेश महामंत्री शशि वर्मा, पुष्पा नेगी ,महिला सचिव मुन्नी पंत ,निर्मला जोशी विमला सांगरी समेत कई महिलाएं मौजूद रही। आशा कार्यकर्ताओं की जिला अध्यक्ष कमला कुंजवाल एवं नगर अध्यक्ष रिंकी ने भी अपनी मांगों के समर्थन में सरकार से तुरंत विचार करने की मांग की ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती एवं प्रसुताओं को कोई दिक्कत ना हो।