यहां लोगों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी, सांसद ने लिया था गोद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का है गांव

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हर सांसद गांवों के विकास के लिए अपने संसदीय क्षेत्र से एक गांव को गोद लेता है। लेकिन अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा के गोद लिए गांव के हाल तो कुछ और ही हैं। सांसद के आदर्श गांव में ना तो सड़क ना ही शिक्षा कोई भी व्यवस्था ठीक नहीं है। ग्रामीण इसके लिए मांग कर रहे हैं। यहां तक की ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार तक की चेतावनी दे डाली है।

चंपावत जिला मुख्यालय से 28 किमी दूर है गोशनी गांव
चंपावत जिला मुख्यालय से करीब 28 किमी दूर सांसद अजय टम्टा द्वारा गोद लिया गांव गोशीनी गांव स्थित है। सांसद आदर्श गांव गोशनी आज बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। गांव में ना तो स्वास्थ्य सुविधाएं है ना पेयजल, शिक्षा और ना ही सड़क है। इन सुविधाओं के लिए लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं। साल 2022 में सांसद अजय टम्टा ने आठ मार्च को गोशनी गांव को गोद लिया था। गांव की वर्तमान आबादी में करीब 2600 है और इस गांव में 1400 मतदाता हैं।

सांसद पर ग्रामीणों ने लगाए आरोप
गोशनी गांव के ग्रामीणों ने गांव को गोद लेने के बाद कभी भी गांव का भ्रमण नहीं करने और जन समस्याएं ना सुनने जैसे कई आरोप लगाए हैं। गांव वालों का कहना है कि गांव में ग्राम पंचायत, ग्राम विकास, मनरेगा के मदों से गांव में रास्ते, धर्मशाला, सोलर लाइट, क्षेत्र में सीसीटीवी, टिनशेड निर्माण, पेयजल टैंक, सार्वजनिक शौंचालय, कूडे़दान जैसे काम हुए लेकिन सांसग की ओर से कोई भी काम नहीं किया गया।

हमें दी जाएं सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी की सुविधाएं
गांव वालों का कहना है कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी आदि के मामले में बहुत काम करने की आवश्कता है। गांव में ना तो जरूरत के मुताबिक पानी मिल पाता है और ना ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण किया गया है। गांव वालों ने क बड़ी लिफ्ट पेयजल योजना बनाने, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पर्यटक आवासगृह बनाने, केंद्रीय विद्यालय खोलने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण करने, महिला डिग्री कॉलेज खोलने, बारात घर का निर्माण करने, गैस गोदाम खोलने, जीआईसी और जीजीआईसी में मानकों के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती करने आदि की मांगें की हैं।

गोद लेने के बाद से नहीं हुए सांसद के दर्शन
गांव वालों का कहना है कि जब से सांसद अजय टम्टा ने गांव को गोद लिया है उसके बाद से उन्होंने उनके दर्शन नहीं किए। यानी उसके बाद से कभी भी सांसद गांव में नहीं दिखे। गांव की सड़क की समस्या से लेकर तमाम समस्याओं के बारे में सांसद से बात ही नहीं हो पाई। गांव वालों का कहना है कि सांसद ने गांव को गोद तो ले लिया लेकिन कोई काम नहीं किया।

चार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का है गांव
बता दें कि चंपावत जिले के गोशनी गांव ने देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये गांव चार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गांव है। पं.हर्षदेव ओली, पं.दुर्गादत्त ओली, पं.दयाराम ओली, पं.पूर्णानंद जोशी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने अदम्य साहस से अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। लेकिन इसके बावजूद गांव का हाल ऐसा है।

चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी
सांसद अजय टम्टा पर गोशनी गांव के लोगों ने कोई काम न करने के आरोप लगाते हुए चुनाव बहिष्कार तक की चेतावनी दे दी है। लोगों का कहना है कि जब तक सांसद उन्हें अपने किए हुए काम नहीं दिखाते हैं वो चुनाव बहिष्कार पर अड़े रहेंगे। गांव के कई लोगों का कहना है कि उन्होंने सांसद का चेहरा तक नहीं देखा।