नशा मुक्ति केंद्रों में नियमों का उल्लघंन करने पर अब जुर्माने के साथ होगी सजा

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राजधानी दून में नशा मुक्ति केंद्रों में दो युवकों की संदिग्ध मौत के मामले आने के बाद सरकार ने इस पर कार्रवाई करते हुए कड़ा फैसला लिया है। सरकार नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए सख्त नियम बनाने जा रही है।


नशा मुक्ति केंद्रों में नियमों का उल्लघंन पर होगी सजा
प्रदेश में अब नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए सख्त नियम बनने जा रहे हैं। सरकार मानसिक स्वास्थ्य नीति में नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए सख्त नियम बनाने जा रही है। इसमें नियमों का उल्लंघन होने पर जुर्माने और सजा का प्रावधान किया जा रहा है।


नियमों का उल्लघंन पर हो सकती है छह महीने की सजा
सरकार जो नियम बनाने जा रही है उसमें नियमों का पालन न करने पर पांच हजार से पांच लाख तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही छह महीने तक की सजा भी हो सकती है। मानसिक स्वास्थ्य नीति की नियमावली का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है।


केंद्र की अनुमति के बाद कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव
इस पर केंद्र की अनुमति मिलने के बाद जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में को रखा जाएगा। मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी और नियमों का पालन करने के लिए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। इस नीति के लागू होने के बाद उत्तराखंड में मनमाने ढंग से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों में यातनाएं, दुर्व्यवहार करने की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।


प्रस्तावित नियमावली के तहत इन नियमों का पालन होगा जरूरी
नशा मुक्ति केंद्र में मानसिक रोगी को कमरे में बंधक बना कर नहीं रख सकते। केंद्र में मानसिक रोगियों के लिए खुली जगह होनी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही केंद्र में मानसिक रोगियों के लिए खुली जगह होनी अनिवार्य होगा।मानसिक रोगी को परिजनों से बात करने के लिए फोन की सुविधा दी जाएगी।


जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड के माध्यम से नशा मुक्ति केंद्रों की निगरानी की जाएगी।नशा मुक्ति केंद्रों में मरीज को डॉक्टर के परामर्श पर रखा जाएगा और डिस्चार्ज किया जाएगा। मरीजों के इलाज के लिए मनोचिकित्सक, डॉक्टर को रखना जरूरी होगा। नशा मुक्ति केंद्र में फीस, ठहरने और खाने का मेन्यू प्रदर्शित करना होगा।