SC का बड़ा फैसला!, पास करें TET वरना इस्तीफा रखें तैयार



SC on TET Qualification For Teachers: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेवारत टीचर्स पर एक बड़ा फैसला सुनाया है। उन्होंने अपने फैसले में साफ किया कि अब शिक्षकों को सर्विस में बने रहने के लिए टेट यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना होगा। प्रमोशन पाने के लिए भी इस टेस्ट को पास करना जरूरी होगा। इसके लिए कोर्ट ने दो साल का वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर टीचर्स दो साल में इस परीक्षा को पास नहीं करते है तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
दो साल में पास करें टेस्ट वरना इस्तीफा रखें तैयार Supreme Court on TET Qualification For Teachers
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेवारत टीचर्स पर फैसला सुनाते हुए ये साफ किया कि अब शिक्षकों को नौकरी में बने रहने के लिए दो साल के अंदर टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट पास करना होगा। अगर वो ये टेस्ट पास करने में सफल नहीं होते तो इस्तीफा तैयार रखना होगा।
इन टीचर्स को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन टीचर्स को राहत दी है। कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत उन शिक्षकों को राहत दी है जिनके रिटायरमेंट में पास से कम का समय बचा है। ऐसे शिक्षक बिना TET पास किए नैकरी में रह सकते है। लेकिन इस अवधि तक वो किसी प्रमोशन के हकदार नहीं होंगे।
अल्पसंख्यक संस्थानों के शिक्षकों पर क्या बोला कोर्ट?
इसके साथ ही कोर्ट ने इस बात को भी साफ किया कि RTE एक्ट के तहत TET पास करने का फैसला अल्पसंख्यक संस्थानों में पढ़ा रहे शिक्षकों पर अभी फिलहाल लागू नहीं होगा। आगे बड़ी बेंच इसको लेकर तय करेगी कि अल्पसंख्यक संस्थानों पर RTE एक्ट लागू होगा या नहीं।
क्या है TET परीक्षा?
Teacher Eligibility Test एक योग्यता परीक्षा है। ये देश में शिक्षकों के लिए आयोजित की जाती है। केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से प्राथमिक यानी कक्षा 1-5 और उच्च प्राथमिक यानी कक्षा 6-8 स्तर पर सरकारी स्कूलों में शिक्षक की योग्यता निर्धारित करने के लिए लेते है। इसका आयोजन केंद्र स्तर पर Central Teacher Eligibility Test लेता है। तो वहीं राज्य स्तर पर विभिन्न राज्यों द्वारा किया जाता है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें