डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल, कभी भी हो सकता है हादसा

उत्तराखंड का शिक्षा महकमा भले ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करता हो, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही नजर आती है. गदरपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थिति उन दावों के विपरीत है. स्कूल के भवन की स्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है कि बच्चे अब डर के साए में पढ़ाई कर रहे हैं.
डर के साए में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल
स्कूल की छत टूटी हुई है, दीवारें में दरारें पड़ी हैं और अव्यवस्थाओं हर जगह बिखरी हुई है. भवन की छत से सीमेंट की परतें गिर रही हैं, और दीवारें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि अब कभी भी गिर सकती हैं. इस जर्जर भवन में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस स्थिति को सुधारने के लिए आगे नहीं आ रहा है.
स्कूल में पढ़ रहे कुल पांच बच्चे
आज की तारीख में स्कूल में कुल पांच बच्चे पढ़ रहे हैं और बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक तैनात है.स्कूल के जर्जर भवन की मरम्मत की मांग स्थानीय लोग कई बार उठा चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. क्षेत्र की पूर्व प्रधान ने बताया कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण अब बच्चे इस स्कूल में आना ही नहीं चाहते हैं.
जल्द सुधरेंगे स्कूल के हालात : SDM
मामले को लेकर गदरपुर की एसडीएम आशिमा गोयल का कहना है कि इस मुद्दे पर जल्द संज्ञान लेकर स्थिति को सुधारने का प्रयास करेंगी. वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री ओर स्थानीय विधायक अरविंद पांडे का कहना है कि जल्द ही स्कूल के भवन की मरम्मत के लिए बजट जारी किया जाएगा
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें