नाम ‘जोरावर’,उम्र चार साल और कमाई करीब पाँच लाख महीना…चौंकिए मत

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  • गौवंश की नस्ल सुधारने के काम में लगा रखा है ‘जोरावर’

मेरठ। नाम है ‘जोरावर’ और उम्र महज चार साल की ही है पर इसकी कमाई सुनकर आप दांतों तले उंगलियां चबा लेंगे। इसकी महीने की कमाई लगभग चार-पांच लाख रुपए है और साल भर में 55 से 60 लाख के बीच कमा लेता है। इतनी कमाई किसी मल्टीनेशनल कंपनी के बड़े ओहदे में काम करने वाले की हो सकती है पर लाखों रुपए कमाने वाला ‘जोरावर’ कोई नौकरी वगैरह नहीं करता ? दरअसल ‘जोरावर’ किसी आदमी नहीं बल्कि ‘जोरावर’ बेहद अच्छी नस्ल का गोवंश है।

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हरियाणा के कुरूक्षेत्र में स्थित सुनरिया गांव से मेरठ कृषि मेले में आए पशुपालक नसीब ने बताया कि ‘जोरावर’ शंकर नस्ल के वर्ल्ड वाइड ‘सीमन’ से तैयार गाय का बछड़ा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय परिसर में लगे तीन दिवसीय मेले में ‘जोरावर’ नामक ने पहला ईनाम जीता है। लगभग 6 फीट ऊंचे और 14 फीट लंबे ‘जोरावर’ की उम्र महज चार साल है, लेकिन इसका वजह 16 कुंतल है। वह सालाना 55-60 लाख रुपए तक कमाता है। हरियाणा के पशुपालक ‘जोरावर’ की ब्रीड से गायों की नस्ल सुधार रहे हैं। ‘जोरावर’ को पालने वाले किसान ने घर पर ‘सीमन’ बैंक बनाया है।

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नसीब बताते हैं, कि ‘जोरावर’ की मां का भी रोजाना 67 लीटर दूध देने का रिकार्ड है। इस मेले में हुई प्रतियोगिता में ‘जोरावर’ को चैंपियन घोषित किया गया है। वह मेले में पहले भी आए हैं, लेकिन ‘जोरावर’ को पहली बार लेकर आए हैं। इसकी लंबाई, ऊंचाई, ताकत और मजबूत शरीर की वजह से ही इसका नाम ‘जोरावर’ रखा गया है। तमाम पशुपालक अपने पशुओं को बेचने के लिए मेले में लेकर आते हैं। कोई 1 करोड़ रुपए कीमत रखता है, तो कोई 10 करोड़ रखता है, लेकिन ‘जोरावर’ की कोई कीमत नहीं है। वह यहां बिक्री के लिए नहीं आया है। वह सिर्फ पशुओं की नस्ल सुधार के लिए काम करते हैं। वह कहते हैं, कि हमने घर में ही ‘सीमन’ बैंक बनाया है और ‘जोरावर’ उनके परिवार के एक हिस्से की तरह है।

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नसीब ने बताया कि एक बार में ‘जोरावर’ के वीर्य से 500 से 600 सीमन तैयार हो जाते हैं। वेटनरी चिकित्सा से जुड़े लोग खुद उनके पास आते हैं पर उनके लिए अलग कीमत रहती है, क्योंकि वह बड़ी संख्या में सीमन खरीदते हैं। इसी तरह फुटकर में जो लोग ‘सीमन’ लेने आते हैं, उनसे 100 रुपए प्रति ‘सीमन’ लिया जाता है। इस तरह महीने में कम से कम आठ बार ‘जोरावर’ का वीर्य लिया जाता है जिससे करीब 4 हजार 800 गोवंश को गर्भधारण कराया जा सकता है। ‘जोरावर’ से साल में लगभग 100 बार से अधिक वीर्य इकट्ठा किया जाता है। स्थिति ये है कि इसलिए किसानों और वेटनरी डॉक्टर्स को इसके सीमन का बेसब्री से इंतजार रहता है। ‘जोरावर’ की डाइट की बात करें तो हरा चारा, भूसा, खल, बिनौला, चना, सोयाबीन समेत कैल्शियम के लिए दूध भी पीता है और इम्युनिटी बरकरार रखने के लिए उसे गुड़ भी दिया जाता है।