सरकार के स्कूल खोलने के फैसले के खिलाफ दायर की जनहित याचिका पर नैनीताल हाई कोर्ट किसके पक्ष में करेगा सुनवाई

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राज्य सरकार के द्वारा स्कूल खोले जाने के फैसले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी जिसमें याचिकाकर्ता ने स्कूल खोले जाने के सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया था और स्कूल खोलने का विरोध किया था इसी मामले में बता दे कि आज सुनवाई होगी और आज उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं और उनके पेरेंट्स एवं शिक्षकों के लिए कोई बड़ी खबर नैनीताल हाईकोर्ट से आ सकती हैजैसे कि आपको पता है कि 2 अगस्त से सरकार के द्वारा निजी और सरकारी स्कूलों को खोलने के आदेश दे दिए गए थे जिसके बाद सरकार ने कोरोना गाइडलाइन स्कूलों के लिए जारी कर दी गई थी और गाइडलाइन का पालन करवाने के कई निर्देश दिए थे लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट में जैसे कि याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार ने आधी अधूरी तैयारियों के साथ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों को खोल दिया है और बिना प्लानिंग के कोरोना काल में स्कूल खोले गए सरकार ने गाइडलाइन स्कूलों के लिए 31 जुलाई को जारी की जबकि यह याचिका 29 जुलाई को ही उत्तराखंड हाईकोर्ट में डाल दी गई थी जिसका फैसला आज होना है।

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बता दे कि हरिद्वार निवासी विजय पाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने आधी-अधूरी तैयारी व बिना प्लानिंग के कोविड काल में स्कूल खोल दिए हैं। याचिका में कहा कि विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना जताई है और तमाम अभिभावक भी आशंकित हैं।कहा कि राज्य में वयस्कों के लिए ही स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। बच्चों के लिए तो सुविधाओं का और भी बुरा हाल है। ऐसे में सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय से बच्चों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। यदि बच्चे संक्रमित हो गए तो स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ अभिभावकों की कमजोर माली हालत से भी स्थितियां बिगड़ेंगी। याचिकाकर्ता ने सरकार के निर्णय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की थी।

कक्षा नौ से 12वीं तक के बच्चों के लिए सरकार ने स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। ऐसे में सोचने वाली बात है कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं है जिसकी वजह से परिवार वाले भी अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने से डर रहे हैं जिसकी वजह से स्कूलों को खोलने के बाद भी उपस्थिति 50 फ़ीसदी से भी कम है और अब ऐसे में देखना होगा कि नैनीताल हाई कोर्ट के द्वारा इस मामले में किसके पक्ष में फैसला सुनाया जाता है।