#nainital क्या आप भी हैं टूटते तारे देखने के शौकीन, आज आपके लिए किया गया है विशेष इंतजाम, पढ़िए पूरी खबर
क्या आपने कभी टूटते तारे को देखा है? अगर आप भी टूटते तारे को देखने के शौकीन हैं तो आज वो रात है जब आप टूटते हुए तारे को निहार सकते हैं। कई लोगों ने सुना होगा कि टूटते तारे से जो भी मन की मुराद मांगों वो पूरी हो जाती है। हालांकि कुछ लोग टूटते हुए तारे से मन की मुराद मांगने को बुरा भी मानते हैं।
आज देखिए एरीज में उल्कापात के नजारे
पृथ्वी के आसपास साल के सबसे बड़े जेमिनीड उल्कापात का समय चल रहा है। 13 और 14 दिसंबर की रात यह चरम पर होगा। जब हर घंटे आसमान में 100 से 150 टूटते तारे नजर आएंगे। इस अनोखी खगोलीय घटना के गवाह अब नैनीताल के स्थानीय लोगों के साथ ही वहां आने वाले पर्यटक भी बन सकेंगे।
ग्रामीण और पर्यटक बन सकते हैं इसके साक्षी
नैनीताल स्थित आर्य भट्ट प्रेषण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) पहली बार आम लोगों को ये अनोखी खगोलीय घटना दूरबीनों की मदद से दिखाने जा रहा है। एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा. वीरेंद्र यादव ने बताया कि 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आसमान में जमकर उत्कापात होता है।
बादल छाए रहने की संभावना
डॉ. वीरेंद्र ने बताया कि इस वर्ष 14 दिसंबर को जेमिनीड उल्कापात अन्य सालों की अपेक्षा भव्य होने वाला है। एरीज में 13 दिसंबर की रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक उल्कापात देखने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। 14 दिसंबर को मौसम विभाग के पुर्वानुमान के मुताबिक बादल छाए रहने की संभावना है।
आप भी ले सकते हैं इसका लुत्फ
डॉ. वीरेंद्र ने बताया कि उल्कापात के इस नजारे को देखने के लिए https://forms.gle/CGZT7U7HbXw2Dvwf6 लिंक पर जाकर फार्म भरकर पंजीकरण कर लें। कोई भी व्यक्ति इस नजारे को देखने के लिए एरीज में आ सकता है। उन्होंने बताया की जिसे सामान्य भाषा में टूटता तारा कहा जाता है वह टूटता तारा नहीं बल्कि उल्कापात ही है।
धूमकेतु का मतलब है उल्कापात
टूटता तारा केवल एक मिथ्या नाम है क्योंकि उल्काओं का तारे से कोई लेना-देना नहीं है। यह किसी धूमकेतु या क्षुद्रग्रह जो पहले कभी पृथ्वी के करीब से गुजरा होगा के द्वारा छोड़े गए मलबे के बादल से आने वाला एक छोटा पत्थर या धूल का कण है।
जब यह कण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो घर्षण के कारण उसका तापमान बढ़ जाता है। जिससे वह जलने लगता है। ज्यादातर कण बहुत छोटे होते हैं इसलिए यह मुश्किल से एक सेकंड से भी कम समय तक प्रकाश की एक लकीर जैसे दिखाई देते हैं।
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