रैरा पर रार-किसानों के पेट पर बड़े बिल्डरों से वार करवाना चाहता है प्रशासन
हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम
रेरा के बिना रजिस्ट्री में हो रही परेशानी से आजिज आकर किसानों एवम ग्रामीणों ने इसे किसानों के पेट पर बड़े बिल्डरों से वार करवाने जैसा कार्य बताया इस संबंध में हल्द्वानी में प्रमुख राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ललित जोशी ने कहा कि प्राधिकरण पर रेरा के आड पर छोटी जोत के किसानों का उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अपनी खतौनी को दिखाते हुए प्रेस वार्ता में आए लोगों ने कहा कि शहर में किसी बड़े बिल्डर को लाने की साजिश की बू आ रही है।
राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेस नेता ललित जोशी ने कहा रेरा का वह स्वागत करते हैं लेकिन रेरा के नियमों की आड़ में छोटे किसानों को टारगेट किया जा रहा है जबकि प्राधिकरण को रेरा के नियमों को वर्गीकृत करना चाहिए, जिससे कि यह तय हो जाए की विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों वाले हल्द्वानी शहर में बेहतर तरीके से विकास हो सके।
ललित जोशी ने कहा कि जब छोटी जोत के किसान को कोई आर्थिक संकट आता है तो वह अपनी जमीन बेचकर किसी तरह अपनी मुसीबत को दूर करता है। ऐसे में रेरा के प्रावधान दिखाकर किसानों को उनकी जमीन बेचने के हक से वंचित किया जा रहा है जिसके लिए 19 अगस्त को किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली का भी आयोजन किया जा रहा है।
वही प्राधिकरण से एक के बाद एक सवाल पूछते हुए ललित जोशी ने कहा कि अगर प्रॉपर्टी डीलिंग को प्रशासन गलत नजर से देखता है तो यह बताएं कि ऐसा कौन सा विधायक और मंत्री नहीं है जो प्रॉपर्टी डीलिंग में इंवॉल्व नहीं रहता। इसके अलावा प्राधिकरण पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से रेरा एक्ट लागू है। तब से लेकर आज तक क्यों नहीं करवाई हुई और यदि कोई किसान गलत है। तो उसमें रजिस्टार की भूमिका, तहसील, उप जिला अधिकारी और नक्शा पास करने वाले सिटी मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए केवल किसानों को टारगेट कर उनका उत्पीड़न किया जाना गलत है
किसान नेता एवं पूर्व बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट ने कहा कि किसान और ग्रामीण रैरा के इस नियम से परेशान है और कल इस संबंध में एक बड़ी ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी तथा किसानों की पीड़ा को प्रशासन के सामने रखा जाएगा अगर इसके बाद भी प्रशासन ने इराक को किसानों के हक में शिथिल नहीं किया तो किसान आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे और जरूरत पड़ी तो कोर्ट में भी जाएंगे।
ललित जोशी ने कहा कि क्या पिछले 6 साल से प्राधिकरण ने सारे काम सही किए हैं यदि नहीं तो उनकी भी जांच होनी चाहिए केवल किसान को टारगेट कर अधिकारी अपने आप को बचाना चाहते हैं। ललित जोशी ने कहा कि वह शहर के समग्र विकास के लिए रेरा का स्वागत करते हैं लेकिन रेरा एक्ट के वर्गीकरण में यह बदलाव किया जाना चाहिए।
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