शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता बोले, ‘बहू सब लेकर चली गई, हमारे पास अब कीर्ति चक्र भी नहीं ‘

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शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार में बिखराव की खबरें हैं। एक मीडिया रिपोर्ट मुताबिक शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह ने अपनी ससुराल यानी अंशुमान सिंह के माता-पिता का घर छोड़ दिया और वो अलग हो गईं हैं। आपको बता दें कि कैप्टन अंशुमान सिंह 2023 में सियाचीन में शहीद हो गए थे और हाल ही में उन्हे कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।

एक मीडिया इंटरव्यू में शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने कहा है कि उनका बेटा शहीद हुआ, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला है। उनका कहना है कि सम्मान और अनुग्रह राशि (मुआवजा) बहू लेकर चली गई है। उन्होंने कहा है कि उनका बेटा भी गया है और बहू भी चली गई है।

बहू ने ऐड्रेस चेंच करवा लिया, अब कुछ नहीं बचा
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता ने आगे कहा, ”मेरी बहू (अंशुमान सिंह की विधवा पत्नी) अपना एड्रेस भी चेंज करवा चुकी हैं। तो हमारे पास क्या है? तो ये मुद्दा सामने जरूर आया था कि इसमें चीजों में बदलाव आने की जरूरत है। जैसे 1999 की लड़ाई के बाद बदलाव हुआ था, इसमें भी बदलाव होना चाहिए। इसलिए इसमें NOK की परिभाषा सही से होनी चाहिए। इसमें अच्छे से जानकारी देनी चाहिए कि, परिवार और पत्नी के पास क्या-क्या रहेगा। इसमें हर एंगल को देखा जाना चाहिए…वरना मेरे जैसे लोग भोगते रहेंगे।” शहीद कैप्टन अंशुमान के पिता दर्द- हमें तो बेटे का कीर्ति चक्र भी नहीं मिला शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता ने कहा, ”मेरी पत्नी मंजू देवी (अंशुमान सिंह की मां) कीर्ति चक्र लेते वक्त तो साथ थी लेकिन वो कीर्ति चक्र भी हमारे परिवार में नहीं है। मेरे बेटे के बक्से के ऊपर भी हम उसे नहीं लगा सकते हैं।

राहुल गांधी से भी की बात
सियाचिन में 19 जुलाई 2023 को शहीद हुए कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने आर्मी में NOK के मापदंड को बदलने की मांग की है। पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा है कि उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से भी इस मुद्दे पर चर्चा की है। राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया है कि वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर बात करेंगे।

5 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। ये सम्मान उनकी पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू देवी ने लिया था।