देश के शहीदों की याद को ताज़ा रखने के लिए मदन बिष्ट का जज्बा( देखें वीडियो)

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हल्द्वानी एसकेटी डॉटकॉम

देश के अमर शहीदों को हमेशा 15 अगस्त या 26 जनवरी के आसपास याद तो किया जाता है लेकिन उसके बाद उनकी शहादत को याद करने में फिर 1 साल का समय लग जाता है। जिस परिवार का योद्धा देश की रक्षा के लिए शहीद होता है वह हमेशा उसे याद करता है और उसकी कमी को महसूस करता है। इन जाबाजो की याद को हमेशा तरोताजा रखने के लिए वन क्षेत्राधिकारी वन अनुसंधान केंद्र मदन सिंह बिष्ट द्वारा एक नई पहल शुरू की और वह लगातार विकसित होती जा रही है। उन्होंने वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में पुलवामा के शहीदों बलवान घाटी के वीरों और इस देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ शहीद होने वाले सभी 14 लोगों के स्मृति में वाटिका का निर्माण किया है।

मदन सिंह बिष्ट वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में बतौर वन क्षेत्राधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं पौधों जड़ी बूटियों और ऐसे सभी पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले वृक्षों को संरक्षित करने तथा उनकी पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने अल्मोड़ा जिले केसल्ट क्षेत्र के मनिला देवी मंदिर के समीप 200 वर्ष पुराने कल्पवृक्ष के पौधे को यहां विकसित करने का काम किया है 10 पौधे उन्होंने तैयार किए हैं जबकि मानीला क्षेत्र के लोगों का कहना है कि 200 साल पुराने इस पहुंचे के कोई अन्य पौध तैयार नहीं हो सकी है। जिसकी जरूरत को महसूस करते हुए मदन बिष्ट के मन में इस पौधे को विकसित करने की जिज्ञासा जाग उठी और उन्होंने उसके बीच को हल्द्वानी लाकर बड़े जैविक तरीके से बीज से पौधा तैयार कर दिया और एक नहीं दस पहुंचे तैयार कर दिए उनके इस प्रयास से पर्यावरण को निश्चित रूप से बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। उनके इस प्रयास के लिए सरकार को उन्हें निश्चित रूप से पर्यावरण मित्र घोषित करना चाहिए।

मदन बिष्ट द्वारा तैयार की गई गलवान व पुलवामा वाटिका का निरीक्षण करने के बाद ऐसा लगा कि देश के जवान जो हमेशा देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने के लिए तैयार रहते हैं उनकी याद को हमेशा ताजा रखने के लिए जीवंत पौधों की जो वाटिका बनाई है वह निश्चित रूप से सराहनीय है।

गलवान घाटी के हमारे वीरों ने जिस तरह से चीन को कड़ा जवाब दिया और अपनी शहादत से उसे वापस लौटने और अपने जवानों के शव को छुप कर ले जाने के लिए मजबूर कर दिया उनकी याद हमारे देश के लोगों के मन में हमेशा ताजी रहनी चाहिए कि उनकी शहादत से हम सुरक्षित इसके अलावा पुलवामा शहीद हुए हमारे वीरों की याद भी हमारे मन में हमेशा ताजा रहे। सीडीएस बिपिन रावत जो कि देश के लिए निरंतर चिंतन करते हुए हमारे रक्षा तंत्र को मजबूत करने तथा चाइना को सोचने के लिए मजबूर कर जिस तरह से देश की सीमाओं की रक्षा को मजबूत किया वह हमेशा यादगार रहेगा उनकी शहादत को यादगार बनाने के लिए उनका यह प्रयास सराहनीय है