मिशन 2027: उम्मीदवारों की कमी या नेतृत्व संकट? कांग्रेस-बीजेपी में बयानबाजी गर्म

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उत्तराखंड में आगामी 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसके लिए महज डेढ़ साल का वक्त ही बचा है। ऐसे में उत्तराखंड में तमाम राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीतियों को धार देने की कवायद में जुट चुकी है। जहां एक तरफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस लोकतंत्र और पंचायती राज की भावना का हत्या विषय को लेकर गांव-गांव जाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी इसको चुनाव से पहले ही कांग्रेस की हार की बौखलाहट का नाम दे रही है।

कांग्रेस के पास 20 सीटों पर उम्मीदवार नहीं: BJP

उत्तराखंड में भाजपा मिशन 2027 की राह पर निकल पड़ी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार विकास कार्यों और योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रही है। 27 के मिशन में महज डेढ़ साल का ही समय बाकी है, लेकिन बात अगर प्रमुख पार्टियों कि की जाए यानि बीजेपी और कांग्रेस तो दोनों के बीच में ही बयानबाजी का दौर लगातार तूल पकड़ रहा। बीजेपी विधायक खजान दास ने यह दावा किया है कि कांग्रेस के पास 20 से 25 सीटों पर उम्मीदवार ही नहीं है। जिसके चलते नेतृत्व का चेहरा ओर उम्मीदवार ना होना कांग्रेस की बौखलाहट को साफ तौर पर दर्शा रहा है।

कांग्रेस ने किया पलटवार

वहीं खजानदास के इस बयान को बेबुनियादी बताते हुए कांग्रेस ने हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि भाजपा में नेतृत्व का संकट मंडरा रहा है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण यही है कि किस तरीके से मुख्यमंत्री के चेहरे और प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे को रिपीट किया गया था, जिसको प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है।

27 से पहले कांग्रेस-बीजेपी की सियासी जंग

प्रदेश की राजनीति में पहाड़ी इलाकों के स्थानीय मुद्दे हमेशा से अहम रहे हैं। ऐसे में जहां भाजपा इन्हीं मुद्दों को लेकर जनता से सीधा संवाद करते हुए चुनावी जमीन को मजबूत करेगी, तो दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस 27 के विधानसभा चुनाव में कितने मजबूत चेहरों को मैदान में उतारते हुए कहां तक चुनौती पेश कर जनता को विश्वास में ले पाएगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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