बुनियादी सुविधाओं की कमी ने छीनी एक और जिंदगी, बीमार महिला ने डंडी-कंडी से 12 किमी तय कर तोड़ा दम


विकास और सुविधाओं के तमाम दावों के बीच उत्तराखंड के पहाड़ी गांव आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बंद पड़े रास्तों ने एक बार फिर एक जिंदगी छीन ली। राजधानी देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां आठ दिनों से सिल्लीखड्ड-कुनैन मोटर मार्ग ठप पड़ा है। इसी वजह से 65 वर्षीय संतो देवी को अस्पताल तक पहुंचने में इतनी देरी हुई कि उनकी सांसें अस्पताल पहुंचते ही थम गई।
बीमार महिला ने डंडी-कंडी से 12 किमी तय कर तोड़ा दम
मिली जानकारी के अनुसार संतो देवी कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी। शुक्रवार को उनकी हालत अचानक बिगड़ गई। अस्पताल तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता बंद होने से परिजनों और गांववालों ने डंडी-कंडी का सहारा लिया। लगभग 12 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई-उतराई के बाद वे उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग तक लेकर पहुंचे। वहां से निजी वाहन से सीएचसी चकराता ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद संतो देवी को मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों में आक्रोश
बुजुर्ग की मौत के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है। गांव वालों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। ग्रामीणों ने प्रशासन और स्वास्थ्य तंत्र पर गंभीर सवाल उठाते हुए इमरजेंसी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचने के आरोप लगाए हैं। जिस वजह से मजबूरन बीमार महिलाओं को निजी वाहन से अस्पताल लाना पड़ा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सड़क मार्ग नहीं खुला तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
3 हजार की आबादी सड़क बंद होने से प्रभावित
गौरतलब है कि सिल्लीखड्ड-कुनैन मोटर मार्ग पर आवाजाही ठप होने से सैंज, कुनैन, अमराड़, झबराड़, कुताड़, खरोड़ा समेत करीब 10 गांवों की 3 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर बीमार मरीजों तक, सभी को राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचने के लिए 12–15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। सबसे अधिक मुश्किल गंभीर बीमारों और बुजुर्गों को झेलनी पड़ रही है।
लोक निर्माण विभाग का पक्ष
मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग अस्थायी खंड के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि त्यूणी-चकराता-मसूरी-मलेथा राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से जेसीबी को सिल्लीखड्ड-कुनैन मार्ग पर भेजना संभव नहीं हो पा रहा है। जैसे ही मुख्य मार्ग पर यातायात बहाल होगा, दो जेसीबी मलबा और बोल्डर हटाने के लिए भेजी जाएंगी। हालांकि, मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, लिहाजा मरम्मत कार्य में समय लग सकता है।
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