कशिश हत्याकांड मामला: हल्द्वानी की सड़क पर उतरे लोग, आरोपी के खिलाफ की फांसी की मांग, देखें वीडियो





हल्द्वानी एक बार फिर गुस्से की लपटों में घिर गया है। साल 2014 के बहुचर्चित कशिश हत्याकांड के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से बरी किए जाने के बाद शहर में भारी आक्रोश देखने को मिला। कांगेस के साथ ही आम जनता ने सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया।
कशिश को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग
हल्द्वानी में गुरुवार को सैकड़ों लोग बुद्ध पार्क से सड़कों पर उतरे और आरोपी को फांसी देने की मांग उठाई। जैसे ही भीड़ ने रैली निकालने का प्रयास किया, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई। आक्रोशित रोक-टोक के बावजूद गेट कूदकर बाहर निकले एसडीएम कोर्ट तक पहुंचे।
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लोक कलाकार श्वेता माहरा समेत कई संगठनों ने दिया समर्थन
आंदोलन को हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश का भी समर्थन मिला। वहीं लोक कलाकार श्वेता माहरा समेत कई सामाजिक, राजनीतिक और छात्र संगठनों ने समर्थन किया है। आंदोलनकारियों का कहना है कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय नहीं मिला और आरोपी को हर हाल में फांसी की सजा मिलनी चाहिए। स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पिथौरागढ़ कशिश हत्याकांड मामला क्या है?
गौरतलब है कि कांग्रेस शासनकाल में 20 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ निवासी एक मासूम हल्द्वानी के शीशमहल स्थित रामलीला ग्राउंड में एक शादी समारोह के दौरान लापता हो गई थी। छह दिन बाद बच्ची का शव गौला नदी से बरामद हुआ था। पोस्टमॉर्टम में बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी।
कानून व्यवस्था के खिलाफ लोगों ने किया था प्रदर्शन
मामला सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। उस समय लोगों ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था। जगह-जगह मामले में प्रदर्शन हुए थे। मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अख्तर अली समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने किया आरोपी को बरी
मार्च 2016 में स्पेशल कोर्ट ने अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई, जिसे 2019 में हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा। अब सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय में आरोपी को बरी कर दिया गया है। जिसके बाद एक बार फिर उत्तराखंड के लोगों में आक्रोश है। मामला गर्माने के बाद धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का फैसला लिया है।
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