सूचना आयोग ने कृषि विभाग पर लगाया 10 हजार का जुर्माना, पढ़ें पूरा मामला

Ad
ख़बर शेयर करें
yogesh bhatt

उत्तराखंड के राज्य सूचना आयोग ने कृषि विभाग को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय हरिद्वार पर क्षतिपूर्ति एवं 13 वर्ष पुराने लंबित बिल के भुगतान के रूप में 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. ये कार्रवाई उस समय हुई जब विभाग ने सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का समय पर जवाब नहीं दिया।

क्या था मामला ?

मामला पौड़ी के ब्रजभूषण नाम के व्यक्ति से जुड़ा है. ब्रजभूषण ने साल 2011 में कृषि भूमि संरक्षण विभाग में आई.पी. एम कार्यक्रम के चलते 14 हजार 880 रुपए का बिल पेश किया था. हालांकि विभाग ने फर्जी बिल के आरोपों के चलते उनका भुगतान नहीं किया. 2019 में एक जांच में बृजभूषण को आरोपमुक्त कर दिया गया. लेकिन उसके बावजूद भुगतान नहीं नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने सूचना अधिकार के तहत मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय से जानकारी मांगी. लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद 2021 में उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील की. जिसके बाद आयोग ने विभाग को आदेश दिया कि 14880 का भुगतान किया जाए.

सूचना आयोग ने की कार्रवाई

एक साल से अधिक समय तक आदेश का पालन नहीं होने के बाद बृजभूषण ने दूसरी बार शिकायत दर्ज की. इसके बाद राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कड़ी कार्रवाई की और विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. आयोग ने विभाग की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय हरिद्वार पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है. सूचना आयोग ने स्पष्ट किया कि विभागीय कार्यप्रणाली और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं. पांच साल से ज्यादा समय तक एक मामूली भुगतान को लटकाए रखना और आयोग के निर्देशों का अनुपालन नहीं करना विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े करता है