#india भारत में आ सकता है बड़ा भूकंप, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता, जोन 5 में सबसे ज्यादा खतरा
तीन दिन के अंतराल में भूकंप के दो झटकों ने अर्थ- साइंस के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। इस भूंकप का केंद्र बदला हुआ है और उत्तराखंड के आस-पास है। वहीं भूकंप को लेकर वैज्ञानिक भी रिसर्च कर रहे हैं। आइआइटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के प्रो, जावेद मलिक का कहना है कि इस बार का भूकंप 2015 में आए नेपाल के भूकंप के बाद के झटकों का हिस्सा नहीं है। यह नए भूकंप की चेतावनी हो सकती है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि चिंता इस बात की है कि भूकंप बार-बार क्यों आ रहे हैं। यह किसी बड़े भूकंप की चेतावनी भी हो सकती है। इस बार नेपाल का पश्चिमी हिस्सा भूकंप से कांप रहा है। यह हिस्सा उत्तराखंड के निकट हैं।
देश मे बनाए गए पांच भूकंप जोन
भूकंप की आशंका को लेकर देश में पांच भूकंप जोन बनाए गए हैं। सबसे खतरनाक जोन 5 है। जिसमें कच्छ, अंडमान निकोबार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत आसपास के अन्य राज्य व शहर के इलाके हैं जबकि जोन 2 को सबसे सुरक्षित माना गया है। जोन 2 में भोपाल, जयपुर, हैदराबाद समेत आसपास के अन्य शहर शामिल हैं। कानपुर जोन तीन में शामिल है। अगर 7.5 मैग्नीट्यूड के आस-पास का भूकंप आता है तो कानपुर को भी झटका लग सकता है। जोन 3 में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, सोनभद्र, चंदौली समेत आसपास के अन्य क्षेत्र आते हैं जबकि जोन 4 में बहराइच, लखीमपुर, पीलीभीत, गाजियाबाद, रूड़की, नैनीताल समेत अन्य तराई वाले क्षेत्र आते हैं।
प्लेटों में टकराव से आता है भूकंप
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पृथ्वी में सतह की गहराई में टेक्टानिक व यूरेशियन प्लेट हैं जो पृथ्वी का आकार संभाले हुए हैं। जमीन के अंदर बढ़ते दबाव से प्लेटों में टकराव बढ़ता है। भारतीय प्लेट हर साल 15-20 मिमी चीन की ओर खिसक रही है। इसको खिसकने से जो ऊर्जा निर्मित होती है वह जमीन से बाहर आती है तो भूकंप की स्थिति बनती है। विज्ञानियों को मानना है कि जमीन के नीचे प्लेटों का टकराव पिछले 50 मिलियन साल से हो रहा है। विनाशकारी भूकंपों के आने से नए पहाड़, झील व नदियों का निर्माण भी होता है।
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