इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डॉक्टर ने मरीज की जान बचाने के लिए की दुर्लभ सर्जरी,पढ़े खबर
विश्व लीवर डे के मौके पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 36 साल के मरीज़ की ज़िंदगी को बचाने के लिए दुलर्भ सर्जरी की है। यह सर्जरी लिवर के बाएं हिस्से पर एक एडवांस्ड हेपेटेक्टोमी (लीवर के किसी हिस्से को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी) के लिए की जाती है।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉ. मयंक नौटियाल के साथ डॉ. करमजोत सिंह बेदी की देखरेख में डॉक्टरों की टीम ने मरीज़ के इलाज के लिए लिवर के बाएं हिस्से को हटाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। मरीज़ पिछले तीन महीने से तेज़ पेट दर्द से परेशान थीं और दवाएं लेने के बाद भी हालत में सुधार न होने की वजह से कई डॉक्टरों के पास इलाज के लिए जा चुकी थीं।
लिवर ट्रांसप्लांट एवं सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के कंसल्टेंट और हेड, डॉ. मयंक नौटियाल ने बताया कि सीटी स्कैन के दौरान मरीज़ के लीवर के बाएं भाग में एक जटिल सिस्टिक-सॉलिड ट्यूमर का पता लगा था। देहरादून में कई विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद, मरीज़ आखिर में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आईं, जहां उन्होंने कॉउंसलिंग के बाद सर्जरी करवाने का फैसला किया। इससे पहले वो कई तरह के टेस्ट करा थीं फिर भी उनकी परेशानी का कोई हल नहीं निकला। सर्जरी सफल रही और सर्जरी के चौथे ही दिन उनको छुट्टी दे दी गई। मरीज अब बिल्कुक ठीक हैं।
लीवर ट्रांसप्लांट एवं सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. करमजोत सिंह बेदी ने कहारू ष् आंतरिक (ठोस अंग) ट्यूबरक्लोसिस बहुत ही रेयर है और आमतौर पर ये सेकेंडरी होता है, जो किसी दूसरे संक्रमित माध्यम से खून के प्रवाह से फैलता है या किसी सर्जरी के दौरान सीडिंग की वजह से होता है। यह सर्जरी, दिसंबर महीने में मैक्स अस्पताल देहरादून में लॉन्च हुए लिवर क्लिनिक में की गई। हाल ही में लॉन्च किया गया लिवर क्लिनिक, हेपेटोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, लिवर ट्रांसप्लांट, जीआई सर्जरी, जीआई सम्बंधित रेडियोलॉजी और प्रयोगशाला की सेवाएं प्रदान करता है।
मैक्स अस्पताल, देहरादून के वीपी-ऑपरेशंस एंड यूनिट हेड डॉ संदीप सिंह तंवर ने कहा, “भारत में होने वाली मौतों की दसवीं वजह लीवर से जुड़ी बीमारी है और हाल ही में नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर की बीमारी तेज़ी से बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह उत्तराखंड में रह रहे लोगों की जीवनशैली से जुड़ी है। इसलिए हमने लीवर क्लिनिक की शुरुआत की। जहां मरीज़ों की सहायता और उन्हें सलाह देने के लिए लीवर फिजिशियन और सर्जन होंगे।
पीलिया, या शराब से जुड़ी समस्याएं, आखरी स्टेज में लीवर सिरोसिस, फैटी लीवर, लीवर कैंसर, वायरल हेपेटाइटिस वाले मरीज़ अपने मौजूदा हेल्थ रिकॉर्ड के साथ विशेषज्ञों तक जा सकते हैं और ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल की राय ले सकते हैं। यह लीवर की बीमारी से जूझ रहे मरीज़ों की देखभाल को आसान, कारगार और अनुकूलित करने की एक कोशिश है।
ये लीवर हेल्थ, लीवर से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ सिरोसिस या लीवर ट्रांसप्लांट के साथ आखरी स्टेज की लीवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए हमारे मिशन के एक हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया था। क्लिनिक ट्रीटमेंट प्लान का एक रोड मैप प्रदान करता है जो इस क्षेत्र के हर मरीज़ों के लिए बेहतर रूप से तैयार किया गया है।
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