आपदा के इस दौर मे भी अफसर फोन नही उठाते हैं ! सीएम साहब

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अल्मोड़ा एसकेटी डॉटकॉम

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आपदा के दौरान जहां सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार अपना द्वारा जारी रखे हुए हैं और आपदा से पीड़ित लोगों के आंसू पोछने के लिए लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हो लेकिन अधिकारी है कि वह सीएम की बात को ज्यादा ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारी चौबीसों घंटे अपने फोन खुले रखें ताकि किसी भी स्थिति में जनता परेशान परेशान ना हो। लेकिन अधिकारी है कि वह इन निर्देशों को सिरे से नकार दे रहे हैं तथा फोन सुनने के बजाय उसे उठाना भी पसंद नहीं कर रहे हैं ।

इंस ऐसा ही एक मामला सत्ता धारी भाजपा के ही विधायक के साथ हुआ जब उनके साथ कुछ लोगों द्वारा मारपीट की गई तो इस सारे प्रकरण की जानकारी लेने के लिए अल्मोड़ा से पत्रकारों ने डीएम मंडलायुक्त एसएसपी तथा एचडी में से जानकारी लेने के लिए फोन किया तो इनमें से एसएसपी अल्मोड़ा के अलावा किसी ने भी फोन उठाने की जरूरत नहीं समझी।

उन्होंने भी यह मामला राजस्व क्षेत्र का होने की बात कहकर मामले को टाल पर फोन बंद कर दीया। इस तरह से अगर देखा जाए कि मीडिया के लोग जो कि अधिकारियों और घटना के बीच संपर्क सूत्र बने रहते हैं जय हिंद फोन नहीं उठा रहे हो तो आम जनता के फोन उठते होंगे यह संभव है ही नहीं।

आम जनता किसी भी रहती है तथा वह अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए नेताओं के अलावा मीडिया का सहयोग लेती है लेकिन अधिकारी ऐसे ही कि वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं ।

अधिकारियों का यह रवैया निश्चित रूप से सरकार की छवि को दागदार करने के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता है अधिकारी अगर इस तरह से बीआईपी पर हुए हमले की जानकारी देने के लिए जब फोन नहीं उठाते हो तो जब ऐसी घटना आम आदमी के साथ घटती हो तो क्या उनके फोन उठते होंगे इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

सरकार के इरादों पर पानी फेरते हुए अधिकार खुद ही स्वयं भू बने हुए हैं और निश्चित रूप से आने वाले समय में धामी सरकार के लिए नेगेटिव मामला बन सकता है।