जन्म लेने के पहले ही मिनट में नवजात का सांस लेना आवश्यक: डॉ ऋतु रखोलिया

उन्नत नवजात पुनर्जीवन कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉक्टर ऋतु रखोलिया ने कहीं बड़ी बात
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के थिएटर में आयोजित कार्यशाला में देश के विभिन्न स्थानों से आए बाल रोग विशेषज्ञ ने रखी अपनी राय।
हल्द्वानी skt.com।
हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय उन्नत नवजात पुनर्जीवन कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों सेआये बाल रोग विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें ।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाल मृत्यु दर को इकाई अंक तक लाने के लिए बेहतर जागरूकता अभियान चलाने और उत्तम तकनीकी बनाने आवश्यकता पर बल दिया हैं ।।
जिसके तहत देश भर के बाल लोग विशेषज्ञ इस संबंध में मंथन कर रहे हैं। हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में डॉक्टर ऋतु रखोलिया ने बताया कि 2030 तक बाल मृत्यु दर को एक अंक तक लाने के अभियान के तहत लगातार सेमिनार कार्यक्रम तथा जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लगभग 25 से 30% नवजात शिशु की मृत्यु पैदा होते समय सही ढंग से सांस नहीं लेने की वजह से होती है मां के पेट में ऑक्सीजन तथा अन्य पदार्थों के प्लेसेंटा द्वारा बच्चों को मिलते हैं अधिकांश बच्चों की मृत्यु प्रसवकालीन सवांसरोध के कारण होती है इसलिए आवश्यक है कि नवजात को अपने जन्म के पहले ही मिनट में सही तरीके से सांस लेना होता है।
अगर वह सही तरीके से सांस नहीं लेता है तो उसके मस्तिष्क और हृदय पर विपरीत प्रभाव से भी पड़ता है। प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्त स्राव होने तथा नवजात के सांस लेने में दिक्कत से होने वाली परेशानी को ऐसे नवजातों को उन्नत नवजात तकनीक से बचाया जाता है।
इस कार्यशाला में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभा किया कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉक्टर ऋतुरालिया विभाग अध्यक्ष बाल लोक विशेषज्ञ हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज ब्रिगेडियर डॉक्टर वंदना नेगी विभाग अध्यक्ष राममूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली डॉक्टर अलका गुप्ता प्रोफेसर जौलीगंज मेडिकल कॉलेज देहरादून डॉक्टर रवि अदलखा, डॉ रवि सहोता समेत दर्जनों डॉक्टर ने अपने विचार रखें
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 सच की तोप व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें