सिर्फ इतने घंटों में नैनीताल झील ने तोड़ा 23 साल पुराना रिकॉर्ड

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पूरी जनवरी उत्तराखंड में मौसम करवट बदलता रहा। जनवरी के आखिरी दिनों में मौसम ने थोड़ी राहत दी और चटक धूप खिली रही मगर फरवरी की शुरूआत एक बार फिर से खराब मौसम के साथ हुई। 3 फरवरी से मौसम ने करवट बदलनी शुरू की और एक बार फिर से बरसात और बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। उत्तराखंड में बीते 2 दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है और बर्फबारी ने पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। मगर इसका सीधा फायदा नैनी झील को मिल रहा है। यहां पर मात्र 24 घंटों में जलस्तर में ढाई इंच की बढ़ोतरी हुई है। 1999 के बाद से अब फरवरी में नैनी झील का सर्वाधिक जलस्तर है। जी हां, दो दशकों के बाद नैनी झील का स्तर 9 फीट 1 इंच रहा। इससे पहले 1999 में नैनी झील का जलस्तर 10 फीट था। उम्मीद जताई जा रही है कि जब नैनीताल में बर्फ पिघलेगी तो झील के जलस्तर में और भी अधिक वृद्धि होगी। विशेषज्ञों ने बर्फबारी को नैनी झील की सेहत के लिए काफी अच्छा बताया है। बता दें कि 2016 एवं 17 के फरवरी माह में नैनी झील का जलस्तर शून्य पर पहुंच गया था। जिसके बाद नैनीताल में पर्यटन गतिविधियों के साथ ही स्थानीय लोगों को दैनिक जलापूर्ति में भी कटौती करनी पड़ी थी। मगर इस बार बर्फबारी से ढाई इंच पानी मिला है जो कि बेहद फायदेमंद है।

उत्तराखंड में मौसम के हाल की तो लंबे समय से प्रदेश के लोग मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं मगर बुरी खबर यह है कि 7 फरवरी तक मौसम से राहत नहीं मिलेगी।मौसम विभाग ने बर्फबारी और बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था। प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है। पहाड़ों में कड़ाके जबर्दस्त ठंड पड़ रही है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो विक्षोभ सक्रिय होने के कारण पहाड़ों पर मौसम तेजी से बदल रहा है। बारिश और बर्फबारी का सिलसिला अगले कुछ दिन तक जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार 6 और 8 फरवरी को एक और पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में फिर बदलाव देखने को मिलेगा। कहीं-कहीं कोल्ड-डे कंडीशन रह सकती है। इसे लेकर अगले दो-तीन दिन राज्य में येलो अलर्ट रहेगा। सात फरवरी तक चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है।