दोस्ती में दगाबाजी, जिसे अमानत रूपी मकान सौंपा उसने कर दी अमानत मे खयानत
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हलद्वानी skt. com
दोस्ती में विश्वासघात का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मकान की देखरेख के लिए दोस्त को सौंपना एक शख्स को भारी पड़ गया। 20 साल बाद जब वह लौटा, तो पाया कि दोस्त ने मकान ही बेच दिया!
अब कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार सासनी, हाथरस (उत्तर प्रदेश) निवासी राम निवास ने साल 1981 में हल्द्वानी के तल्ली बमौरी में जमीन खरीदी और 1991 में वहां मकान बनाकर व्यापार शुरू किया। लेकिन कारोबार में घाटा होने के कारण, अप्रैल 2004 में वह हल्द्वानी छोड़कर चले गए। जाने से पहले, अपने खास दोस्त विजय पाठक को मकान की देखरेख की जिम्मेदारी सौंप दी।राम निवास की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण, उन्होंने 20 साल तक हल्द्वानी लौटने की हिम्मत नहीं की और न ही विजय से संपर्क किया
हालात ठीक हुए, तो वह दो दशक बाद अपने मकान का हाल देखने पहुंचे, लेकिन वहां का नजारा देख उनके होश उड़ गए।राम निवास ने देखा कि उनके घर में कोई और रह रहा है। जब उन्होंने पूछताछ की, तो पता चला कि राज बहादुर नामक व्यक्ति वहां रह रहा है। उसने बताया कि उसने यह मकान विजय पाठक की मां, राजेश्वरी पाठक से तीन मई 2011 को खरीदा था राम निवास का आरोप है कि विजय पाठक और उसकी मां राजेश्वरी पाठक ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर मकान बेच दिया।
इतना ही नहीं, उन्होंने मकान का ताला तोड़कर उसमें रखा सारा सामान भी हड़प लियाराम निवास ने 25 जुलाई 2023 को हल्द्वानी थाने और एसएसपी को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने इसे सिविल मामला बताकर कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार, उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके आदेश पर अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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