अंगुलियां कटी तो कोहनी से थामा ब्रश, आपको भी जीना सीखा देगी इस पेंटर की कहानी

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दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो अपने हालातों से हार कर अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं या फिर सारी उम्र डिप्रेशन में चले जाते हैं। पर वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने हालातों से लड़ कर एक बार फिर खड़े उठते हैं और निकल पड़ते हैं दुनिया को चुनौती देने। आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने वाले हैं उनकी कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जिन्होंने अपने हौसले के बलबूते अपने हालातों से लड़ कर अपनी अलग पहचान बनाई है।


नैनीताल के रहने वाले सचिंद्र बिष्ट बेहद उमदा पेंटिंग बनाते हैं। उनके ब्रश का एक-एक स्ट्रोक इतनी सफाई से किया होता है की पेंटिंग देखने वाले लोग सच और पेंटिंग के बीच का अंतर ही नहीं कर पाते। लेकिन इन पेंटिंगस की एक और खास बात है की सचिंद्र इन्हें कोहनी में ब्रश बांध कर बनाते हैं। दरअसल एक बिमारी के चलते सचिंद्र के दोनों हाथ और दोनों पांव काटने पड़े थे. जिसके बाद उन्होंने पेंटींग को ही अपना फुल टाइम काम बना लिया।

सचिन Adobe के साथ भी कर चुके हैं काम
मूल रुप से नैनीताल के रहने वाले सचिंद्र मुंबई में ग्राफिक डिजाइनर, एनीमेशन, विडियो एडिटर और डॉक्यूमेंटी का भी काम कर चुके हैं। जिससे उन्हें काफी सफलता भी हासिल हुई। उन्होंने adobe के साथ भी कई वक्त तक काम किया। लेकिन फिर पहाड़ों के प्रति उनका प्रेम उन्हें वापस उत्तराखंड खिंच लाया जहां नैनीताल में रहते हुए उन्होंने यहां लोगों को आर्टिफिशियल वॉल के साथ साथ चट्टानों में रॉक क्लाइंबिंग सिखानी शुरु की।

एक बुखार ने बदल दी सचिन की जिंदगी
नैनीताल में रहते हुए सचिंद्र हर तरह के एडवेंचर कर रहे थे। फिर अचानक मार्च 2023 में एक दिन सचिंद्र को बुखार आ गया। काफी दवा लेने के बाद भी सचिंद्र के हालात नहीं सुधरे और फिर वो सेप्टिक शॉक में चले गए। जब 15 दिन बाद सचिंद्र को होश आया तो उन्हें पता लगा की उन्हें गैंग्रीन हो गया है। जिससे बचने के लिए उनके हाथ पैर काटने पड़ेंगे। इसके बाद सचिंद्र के दोनों हाथ कोहनी तक और पैरों के आगे का हिस्सा काट दिया गया।

चित्रकारी से दोबारा शुरु की जिंदगी
हॉस्पिटल से रिकवर होने के बाद सचिंद्र ने अपने बचपन के शौक को अपनी आजीविका का साधन बना लिया, वो शौक था पेंटिंग। उन्होंने इसके बाद अपनी कोहनी में ब्रश बांध कर पेंटिंग करना शुरु कर दिया। खबर उत्तराखंड से खास बातचीत के दौरान सचिंद्र बताते हैं की “मैं अपने दोस्तों से कहा करता था की अगर मुझे कभी कुछ हो भी जाता है तो पेंटिंग तो मैं मुंह में ब्रश पकड़ के भी कर लूंगा”।

दुनिया के हर एक शख्स के लिए प्रेरणा हैं सचिंद्र
अपने इन लफ्जों को सचिंद्र से सही भी साबित करके दिखाया क्योंकि कोहनी से पेंटिंग करने के बाद भी सचिंद्र ऐसी पेंटिग्स बनाते हैं की लोग तारीफ किए बिना नहीं रह पाते। उनकी कई पेंटिंग तो ऐसी हैं जो बिलकुल रियलिस्टिक लगती हैं। आज सचिंद्र अपने जीवन की सबसे कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी कला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन उनके अदम्य साहस और कला के प्रति अपार प्रेम की हर कोई तारीफ कर रहा है। सचिंद्र आज दुनिया के हर एक शख्स के लिए एक प्रेरणा हैं।