रामगढ़ में उद्यान विभाग की भूमि को खुर्द बुर्द होने की आशंका : जंगी #holticulturland#ramgarh

ख़बर शेयर करें

भीमताल एसकेटी डॉट कॉम

Ad
Ad

रामगढ़ में उद्यान विभाग की 4. 4 एकड़ भूमि को उद्योग विभाग को निशुल्क स्थानांतरित करने के मामले में जोर पकड़ लिया है भारतीय किसान यूनियन ने इसका विरोध किया है उन्होंने कहा कि रामगढ़ जैसी फल भर्ती में उद्यान विभाग की जमीन को सरकार औद्योगिक विभाग को देखकर खुर्द बुर्द कर ही है.

यह भूमि यहां के स्थानीय किसानों के लिए प्रशिक्षण और तरीके से बागवानी करने के लिए मुफीद है और यहां के वातावरण के अनुसार यहां पर सब्जियां और फल विकसित किए जाते हैं अगर यह भूमि उद्योग विभाग को ट्रांसफर कर दी जाएगी तो स्थानीय लोगों के लिए कृषि और उद्यान के तहत स्वरोजगार करना मुश्किल हो जाएगा.

अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने रामगढ़ में उद्यान की 4.4 एकड़ भूमि उत्तराखण्ड शासन द्वारा औद्योगिक विकास निगम को निशुल्क हस्तांतरित करने का विरोध किया है।

उन्होंने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ़ रामगढ़ में चल रहे आन्दोलन का समर्थन करते हुए कहा कि, “सरकार सिडकुल के नाम पर फल पट्टी की भूमि को खुर्द-बुर्द कर उद्योगपतियों को होटल खोलने व उद्योग स्थापित करने के लिए दे रही है जो सरासर रामगढ़ क्षेत्र के सब्जी, फल उत्पादक किसानों, बेरोजगार, युवाओं के साथ धोखाधड़ी व क्षेत्र की बर्बादी है।”


किसान महासभा के नेता जंगी ने कहा कि, “रामगढ़ क्षेत्र में राजकीय उद्यान इसलिए खोला गया था कि फल-पट्टी के किसानों को उन्नत तकनीकी व वैज्ञानिक तरीके से बागवानी कर आत्मनिर्भर बनाया जाय, साथ ही बेरोजगार युवा भी उद्यान विभाग के कृषि वैज्ञानिकों से ट्रेनिंग प्राप्त कर सरकार की मदद से स्वरोजगार अपनायेंगे, लेकिन शासन-प्रशासन की किसान विरोधी, बेरोजगार,युवा विरोधी तथा पूंजीपति परस्त नीति के कारण यही बर्बाद होने के कगार पर खड़ा हो गया है।

इसलिए इसे बचाने के लिए किसानों बेरोजगार- युवाओं व्यवसायियों तथा आम जन को आगे आना होगा।”
जंगी ने राज्य सरकार से मांग की कि, “पहाड व जनहित में उद्यान विभाग की 4.4 एकड भूमि को होटल, वेलनेस सेंटर और उद्योग स्थापित के लिये किए गए जारी आदेश को रद्द किया जाय।”