एमबीपीजी में बन गया इतिहास,टूट गया संगठन का गरूर,पहली छात्रअध्यक्षा के तौर रश्मि का नाम दर्ज

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@haldwani एसकेटी डॉटकॉम

हल्द्वानी की एमबीपीजी कॉलेज में इतिहास रच दिया गया कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज में पहली बार कोई छात्रा अध्यक्ष बन गई है. रश्मि लंगड़ियां ने अपने मातृ संगठन एबीवीबी द्वारा टिकट नहीं देने पर निर्दलीय ताल ठोक दी और छात्र शक्ति ने उसके इस फैसले पर मुहर लगाते हुए उसे बहुत बड़े अंतर से जीत दिला दी. रश्मि की जीत ने संगठन का गुरुर भी तोड़ दिया जो हमेशा यह सोचते थे कि वह जिसे चाहेंगे उसे अध्यक्ष बना लेंगे लेकिन इस बार छात्र-छात्राओं में बहुत बड़े संगठन के तौर पर एबीवीपी को आईना दिखा दिया.

मतदान के दौरान रश्मि ने इस तरह से सरकार और यूपी के संगठन पर लगाए आरोप

कुमाऊं विश्वविद्यालय के एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बागी प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया विजयी रही। उन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी के एबीवीपी कौशल बिरखानी को 1294 मतों से हराया।

एनएसयूआई प्रत्याशी सूरज भट्ट को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। वहीं सचिव पद पर निहित नेगी विजयी रहे।एमबीपीजी महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव के लिए छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढ़ंग से हो गया।

प्रातः 9 से 2 बजे तक छात्र-छात्राओं ने वोट डाले। मतदान प्रतिशत 40.93 रहा। इसके बाद तीन बजे से मतगणना शुरू हुई। सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा। कोरोना संक्रमणकाल के चलते दो वर्ष तक छात्र संघ चुनाव नहीं हुए।

इस वर्ष चुनाव को लेकर छात्रों ने आंदोलन की राह पकड़ी। इसके चलते 24 दिसम्बर चुनाव की तिथि घोषित की गई। इस प्रकार 11 पदों के लिए 73 प्रत्याशी मैदान में उतरे। इनमें छात्रा उपाध्यक्ष पद पर गीता कुंवर निर्विरोध चुनी गई। मतदान को लेकर छात्र-छात्राओं में गजब का उत्साह देखने को मिला।

खासकर नए मतदान करने वाले छात्र-छात्राएं उत्साहित दिखे। इसके बाद तीन बजे से मतगणना शुरू हुई।
मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. सीएस नेगी ने चुनाव परिणाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद पर रश्मि लमगड़िया को 2528, कौशल बिरखानी को 1353 मत मिले। रश्मि ने कौशल को 1294 मतो से हराया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार दोनों राष्ट्रीय दलों के संगठनों ने अपना सब कुछ खो दिया जहां एबीवीपी ने छात्रों की मांग के इधर कौशल विरखानी पर दांव खेला वहीं एनएसयूआई के पास अपना खुद का कोई कैंडिडेट तैयार नहीं था खीर में एबीवीपी के सूरज भट्ट को एनएसयूआई का टिकट थमा दिया गया. वही निहित नेगी को सचिव पद पर लगाया गया जबकि वह अध्यक्ष पद की तैयारी कर रहे थे निहित नेगी ने भी बड़े अंतर से सचिव पद पर विजय प्राप्त की. रश्मि लंगड़ियां और एबीवीपी के कौशल विरखानी के बीच जीत का अंतर काफी बड़ा देखा गया जितने बोर्ड कौशल बिरखानी को मिले उससे दुगने वोट निर्दलीय रश्मि लंगड़ियां को प्राप्त हुए.

सच की तुमने इससे पहले ही खबर से यह संभावना जता दी थी कि एबीवीपी के बागी ही उसकी ताबूत के कील साबित होंगे और सूरज भट के एनएसयूआई से लड़ने का फायदा भी रश्मि को ही मिला सूरज को 580 वोटों से संतोष करना पड़ा इसी वजह से छात्र-छात्राओं ने एकतरफा को रश्मि को दे दिया. यह भी देखा गया कि एनएसयूआई के एक गुट ने जमकर रश्मि लंगड़ियां को सपोर्ट किया जिसकी वजह से रश्मि को इतनी भारी जीत मिली.