नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हुए बवाल एवं अपहरण कांड को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल ने दिए यह महत्वपूर्ण निर्देश, अब इस दिन होगी सुनवाई




नैनीताल। जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव के दिन 14 अगस्त को नैनीताल में हुई आपराधिक वारदात को लेकर हाईकोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को दूसरे दिन भी सुनवाई की। इस मामले में कोर्ट ने कड़ा रूख जारी रखते हुए पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव को पक्षकार बनाया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी ।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोर्ट को बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में एक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया है। एस एस पी ने बताया कि 13 अगस्त की रात लाल कार में आये लोगों में रामपुर, उधमसिंहनगर, हल्द्वानी व नैनीताल शहर के लोग शामिल थे। जिनका विस्तृत विवरण जुटाने के लिये समय की जरूरत है। यह लाल कार पुलिस के कब्जे में है।
याचिका की सुनवाई आज मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा कोर्ट में पेश हुए थे। जबकि जिलाधिकारी वन्दना वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुई थी।
विगत दिवस सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वे सभी वीडियो देखें जिनमे रेनकोट पहने लोग 5 जिला पंचायत सदस्यों को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। साथ ही मतदान स्थल जिला पंचायत से 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक होटल में मतदान की अगली रात करीब दर्जन भर हथियारबंद लोगों के पहुंचने और उनकी पुलिस द्वारा जांच न करने और इन्हीं लोगों द्वारा मतदान की सुबह रेनकोट पहनकर 5 जिला पंचायत सदस्यों को बलपूर्वक उठाने पर कोर्ट ने गहरी चिंता जताई तथा कहा कि नैनीताल पुलिस अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में असफल रही है। इसके अलावा घटना के बाद कुछ युवकों द्वारा सोशियल मीडिया में “नैनीताल को हिला डाला” शीर्षक से डाले गए वीडियो को भी देखा है। जिस पर भी कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है।
इधर हाईकोर्ट परिसर में आज दूसरे दिन भी निषेधाज्ञा लागू थी और कोर्ट के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मंगलवार को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के परिणाम घोषित करने के मामले में अभी बहस जारी है। यह याचिका जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने दायर की है। जिसमें पुनर्मतदान करने की अपील की गई है।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हुए हंगामे और अपहरण कांड को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी, जिलाधिकारी और एसएसपी नैनीताल ने एफिडेविट में धटना की पूरी जानकारी दी।
चीफ जस्टिस जी. नरेंद्र और जस्टिस सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
कोर्ट ने मंगलवार को नैनीताल एसएसपी से सीधे पूछा कि घटना में शामिल आरोपियों का आपराधिक इतिहास है या नहीं। इस पर एसएसपी ने जानकारी दी कि अभी तक मिली रिपोर्ट में किसी भी आरोपी के हिस्ट्रीशीटर होने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि किडनैपर्स में कुछ उत्तर प्रदेश और कुछ उत्तराखंड के लोग शामिल हैं। अब तक 14 की पहचान कर ली गई है, बाकी की तलाश और पहचान की प्रक्रिया जारी है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा, “यह पूरी घटना सिस्टम का फेलियर है। उत्तराखंड में इस तरह का कल्चर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इधर, तल्लीताल पुलिस ने अपहरण कांड में शामिल मनदीप सिंह पुत्र सतनाम सिंह निवासी बिलासपुर बाज़ार कला, रामपुर को तलवारों के साथ गिरफ्तार किया है। जांच में अब तक उसका कोई आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है।
मामला फिलहाल गंभीर मोड़ पर है और कोर्ट की सख़्ती के बाद पुलिस-प्रशासन पर जांच का दबाव और बढ़ गया है।

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