यहां महिला के साथ ही रोडवेज बस में घटिया हरकत,इन पर गिरी गाज

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रोडवेज में कभी सवारी बेटिकट मिलती है, तो कभी कोई दूसरी हरकत हो जाती है। ऐसा ही मामला ऋषिकेश डिपो की बस में भी सामने आया है। एक महिला को चालक और परिचालक की बेहुदा हरकत के कारण मासूम बच्चे के साथ रुपैड़िया जा रही नेपाल की महिला यात्री को खड़े-खड़े सफर करना पड़ा। जबकि सीट खाली थी। चालक-परिचालक ने महिला को उठाकर सीट खाली कराई। इतना ही नहीं, उस सीट पर इमरजेंसी डोर खोलकर सामान लाद दिया।

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बस में सवार एक छात्र ने पूरे घटनाक्रम की अपने मोबाइल पर वीडियो व फोटो बनाकर परिवहन निगम अधिकारियों को भेज दी। देहरादून मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने जांच के बाद घटना को सही पाया। गत देेेर शाम मंडल प्रबंधक ने नियमित परिचालक संजय वर्मा को निलंबित कर दिया, जबकि बस में सवार दोनों विशेष श्रेणी संविदा चालकों को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। जानकारी के अनुसार यह मामले गत14 मार्च का बताया जा रहा है।


सामान सीट पर रखने और महिला को सीट से जबरन उठाने का विरोध महिला के साथ अन्य सवारियों ने भी किया, लेकिन चालक और परिचालक ने लोगों को बस से बाहर निकाले की धमकी दी, जिस पर लोग चुप हो गए। पूरी घटना का वीडियो बस में सवार छात्र ने बनाया और अधिकारियों को भेज दिया। लंबी दूरी के कारण इस बस पर दो चालक तैनात रहते हैं।


छात्र ने बस में अंकित रोडवेज अधिकारियों के शिकायती नंबर पर वीडियो व फोटो शेयर कर दिए। छात्र ने बस में लिखे मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता से फोन पर बात की व उन्हें घटनाक्रम की जानकारी दी। मंडल प्रबंधक ने परिचालक से फोन पर बात कराने को कहा तो छात्र ने मना कर दिया। उसी दिन कार्रवाई करते हुए मंडल प्रबंधक ने दोनों चालक व परिचालक को आफरूट करने के आदेश दे दिए थे। जांच के बाद मामला सही पाए जाने के बाद गत दिवस को मंडल प्रबंधक ने दोनों चालकों की सेवा खत्म करने व परिचालक को निलंबित करने के आदेश दिए।


मंडल प्रबंधक ने मामले की जांच पहले एजीएम ऋषिकेश पीके भारती को सौंपी थी, लेकिन जांच में हीलाहवाली देखकर मंडल प्रबंधक ने खुद जांच का निर्णय लिया। इस दौरान उन्होंने वीडियो एवं फोटो की सत्यता की जांच की। जिस छात्र ने घटनाक्रम अपने मोबाइल में कैद किया था, उससे मोबाइल पर बात कर बयान दर्ज किए। फिर बुधवार को कार्रवाई के आदेश दिए। मंडल प्रबंधक ने एजीएम ऋषिकेश को भी चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने तत्काल कार्रवाई कर उन्हें अवगत नहीं कराया तो एजीएम के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।