यहाँ हिंसा इतिहास में काला अध्याय, नामांकन में बम धमाके, कई लोगों की मौत

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पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के मतदान होने वाले हैं। ऐसे में 15 जून को नामंकन का आखिरी दिन था। लेकिन इस बीच राज्य के अलग-अलग जिलों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं। कही मारपीट की घटना हुई तो कहीं गोली और बम चले। इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले के भंगोर का दौरा किया। इस दौरान उन्होनें कहा कि हिंसा की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।वहीं पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस को घेरा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्य में हिंसा हो रही है कहीं मारपीट तो रही गोली चल रही है यह एक काला अध्याय है।

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बताया जा रहा है कि कल हुई हिंसा ने तीन लोगों की जान ले ली है। दक्षिण 24 परगना में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है। 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी हैं। उनको अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई जगह धारा 144 लागू कर दी गई है, जबकि कई जगह इंटरनेट सेवा बंद करने की खबर भी आ रही है

वहीं उत्तरी दिनाजपुर में तीन लोगों की गोली मार दी गई, जब वे नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे थे। बताया जा रहा है कि ये सीपीआईएम और कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। जिनमें से एक की मौत हो गई।

बम धमाकों में एक मौत, 20 घायल
भांगड़ 2 बीडीओ कार्यालय परिसर बम धमाकों से दहल उठा। इस हमले में एक आईएसएफ कर्मी की मौत हो गई। हिंसा में घायल पुलिलकर्मी सहित 20 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद पुलिस फोर्स को तैनात कर दी गई है।

वहीं प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस धरती पर रवींद्र संगीत सुनाई देता था वहां आज बम धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है। राज्य के पंचायत चुनावों के नामांकन के दौरान हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्य सरकार और पुलिस भारत में लोकतंत्र और चुनावों के इतिहास में काम कर रही है, वह एक काला अध्याय है।8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होने हैं। 11 जुलाई को मतगणना होगी। त्रिस्तरीय चुनाव में करीब 75,000 सीटों पर 5 करोड़ से अधिक मतदाता उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। बताया जा रहा है कि एक लाख से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।