यहाँ मंडी परिषद में भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का चाबुक -25 लाख के निर्माण घोटाले पर डीएम को दिए जांच के आदेश, डीएम ने एसडीएम को बनाया जांच अधिकारी पढ़े पूरी खबर

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हल्द्वानी एसकेटी डॉट कॉम

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ब्रेकिंग न्यूज़ —

भ्रष्टाचार के मामले में मंडी परिषद का एक और कारनामा सामने आ है मंडी समिति के कर्मचारियों के भवनों की मरम्मत में हुए घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल कर आ गया है.

मंडी परिषद के घोटाले बाजों ने पहले से उठे इस मामले को दबाने के लिए एक कूट नीतिक रचना करी. जिसमें शिकायतकर्ता लाल कुआँ निवासी जाहिद अली की ओर से एक लेटर देहरादून से पोस्ट करवा दिया जिसमें उसके द्वारा कहा गया कि उसने पूर्व में इस संबंध में की गई शिकायत को वापस लेने का निर्णय लिया है. लेकिन जब जाहिद अली को इस बात की सूचना मिली कि उसके साथ इस तरह की कूटनीतिक रचना की है उसने दोबारा से पत्र लिखकर कहा कि उसके द्वारा इस तरह का कोई पत्र नहीं दिया गया है. जिसमे पूर्व की शिकायत को वापस लेने की बात कहीं गई है इसके बाद कृषि विभाग के आला अधिकारी जागे और उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी नैनीताल को निश्चित रूप से जांच करने के आदेश दिए हैं

इस पूरी पटकथा में अब पूरा मामला जांच अधिकारी एसडीएम मनीष कुमार सिंह पर आ गया है की वह इस जांच को किस तरह से मुकाम तक पहुंचाते हैं और धामी सरकार की भ्रष्टाचार पर कैसे चाबुक चलती है सरकार की ओर से दिए गए इस भ्रष्टाचार की जांच के आदेश के बाद अब हल्द्वानी मंडी समिति और कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड निर्माण खंड में हड़कंप मच गया है.



अगर मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच हुई तो इस मामले में कई वरिष्ठ अधिकारियों का नापना दिखाई दे रहा है ।

उल्लेखनीय है कि जनपद नैनीताल के लालकुआं निवासी सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद अली द्वारा विगत वर्ष उत्तराखंड शासन जिला प्रशासन नैनीताल एवं मंडी मुख्यालय को शिकायती पत्र प्रेषित कर के आरोप लगाया था कि — उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी मंडी कृषि उत्पादन मंडी समिति हल्द्वानी जनपद नैनीताल के कर्मचारियों के सरकारी आवास की मरम्मत हेतु शासन एवं बोर्ड मुख्यालय द्वारा स्वीकृत लगभग ₹25 लाख रुपये से अधिक की धनराशि को कृषि उत्पादन मंडी विपणन बोर्ड निर्माण खंड हल्द्वानी के कुछ कर्मचारियों कुछ अधिकारियों और कुछ और अभियंताओं की मिलीभगत से गबन किया जा चुका है और लाखों रुपए की सरकारी धनराशि को कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड निर्माण खंड हल्द्वानी के एक चर्चित एवं विवादास्पद अवर अभियंता द्वारा जालसाजी और धोखाधड़ी करके कृषि उत्पादन मंडी मंडी समिति की महिला कर्मचारी के निजी आवास में लाखों रुपए की धनराशि को खर्च कर दिया गया है.

जबकि यह धनराशि कृषि उत्पादन मंडी समिति हल्द्वानी के कर्मचारी आवास होकर मरम्मत के लिए ही स्वीकृत हुई है ।

इस मामले में कृषि उत्पादन मंडी विपणन बोर्ड मुख्यालय द्वारा निर्माण खंड के अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की गई थी परंतु बोर्ड मुख्यालय एवं निर्माण खंड हल्द्वानी तथा कृषि उत्पादन मंडी समिति हल्द्वानी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता के चलते जांच ही लाखों रुपए के घोटाले की जांच को दबा दिया गया और इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उच्च अधिकारियों तथा जांच को भ्रमित करने के उद्देश्य से शिकायतकर्ता जाहिद अली के नाम से एक फर्जी प्रार्थना पत्र देहरादून से पोस्ट करके सभी उच्चाधिकारियों शासन-प्रशासन को प्रेषित करके शिकायत को वापस लिए जाने विषयक झूठा प्रार्थना पत्र प्रेषित करवा दिया गया ताकि प्रकरण को रफा-दफा किया जा सके — सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद अली को इस बात की जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद अली द्वारा इस संदर्भ में शासन प्रशासन और उच्च अधिकारियों को शिकायत प्रेषित की गई उत्तराखंड सरकार द्वारा इस शिकायत को काफी गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी नैनीताल को जांच के निर्देश दिए और जिलाधिकारी नैनीताल के आदेश के बाद उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को जांच अधिकारी नामित किया गया है । जांच अधिकारी उपजिलाधिकारी हल्द्वानी ने सोमवार 20 फरवरी 2023 को कृषि उत्पादन मंडी विपणन बोर्ड के निर्माण खंड हल्द्वानी मैं जाकर प्रकरण की जांच की शुरुआत की. हालांकि यह बताया गया कि शिकायतकर्ता वहां नहीं पहुंचा जबकि सूत्र यह भी बताते हैं निर्माण खंड हल्द्वानी में पहुंचने का कोई नोटिस नहीं दिया गया है.

इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा मुझे जांच अधिकारी बनाया गया है और मैं इस मामले में जांच शुरू कर रहा हूं. मनीष कुमार सिंह एसडीएम हल्द्वानी.


सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद अली द्वारा आरोप लगाया गया कि एक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी द्वारा उत्तराखंड राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करने की सार्वजनिक घोषणा की जा रही है परंतु कृषि उत्पादन मंडी समिति हल्द्वानी में सरकारी आवास के मरम्मत के लिए आए लाखों रुपए के घोटाले की जांच कई माह से लंबित पड़ी है और आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है उन्होंने सरकारी धन की ब्याज सहित वसूली कराए जाने एवं दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से की है