अग्निपथ योजना को हरीश रावत ने बताया ढकोसला योजना, विरोध में रखा उपवास

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देश के साथ साथ उत्तराखंड में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है। वहीं इस बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं। हरीश रावत ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि, जो पिछले कई वर्षों से, चार-पांच वर्ष से भी ज्यादा से सेना में रेगुलर भर्ती निकलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उसके लिए तैयारियां कर रहे हैं। सरकार ने एक ढकोसला योजना घोषित कर जिसको अग्निपथ वीर योजना कहा गया है।

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काले बादल थोप दिए
हरीश रावत ने कहा है कि, इन नौजवानों की भविष्य पर अंधकार काले बादल थोप दिए हैं, 4 साल बाद क्या होगा! एक अंतर जरूर होगा कि फिर से 2024 में फिर से भाजपा सरकार बने इसके लिए झूठ और कूट, दोनों रचा जा रहा है। 2024 के बाद फिर बेरोजगार यूं ही भटक रहा होगा और फिर न अग्निपथ होगा, न पेट होगा, न रोजगार होगा और न सम्मान होगा! तब केवल भटकाव ही भटकाव होगा!


अग्निपथ योजना के तहत मिलने वाली ट्रेनिंग पर भी हरीश रावत ने सवाल उठाया है, उन्होंने लिखा है कि हमारे लिए यह चिंता का विषय इसलिए भी है, हमारी बहादुर रेजिमेंटें, कुमाऊँ रेजीमेंट, गढ़वाल रेजीमेंट, नागा रेजीमेंट आदि ये सारी रेजिमेंटों का एक वीरता का इतिहास है, वर्षों-वर्षों का इतिहास है, उस परंपरा को इस तरीके की योजनाएं लागू कर समाप्त किया जा रहा है। अब आप ही अंदाज लगाइए 10-15 दिन की ट्रेनिंग से किसी को NCC का B सर्टिफिकेट भी नहीं मिलता है और ये उसमें फौज के सिपाही तैयार कर रहे हैं?


एक घंटे का उपवास
हरीश रावत ने अग्निपथ योजना के विरोध में दिल्ली स्थित अपने घर पर एक घंटें का सांकेतिक उपवास भी रखा है। उन्होंने कहा है कि, बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं! प्रश्न रक्षा सेवाओं का है, मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहता था, मगर उन नौजवानों के लिए जो नौजवान इस समय गहरी निराशा में होंगे। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि सरकार को सद्बुद्धि दें, समझ दें और कोई रास्ता ऐसा निकालें जिस रास्ते से उन नौजवानों के सामने जो एक जीवन की चुनौती खड़ी हो रही है, उसका समाधान निकल सके।