@ हल्द्वानी निगम बोर्ड हंगामेदार कांग्रेस पार्षदों का बहिष्कारमीडियाकर्मियों के लिए नो इंट्री( देखें video)

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हल्द्वानी इसकेटी डॉट कॉम

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की बैठक आज हंगामेदार रही पार्षदों ने विकास कार्यों में उनकी अनदेखी का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया. ऐसे मजेदार बात यह रही कि मेयर ने मीडिया कर्मियों के लिए बैठक में कवरेज करने की इंट्री ही बंद कर दी.

विधानसभा चुनाव के बाद हुई नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नाराज पार्षदों ने हंगामा किया।

जिसके बाद बैठक को कवर कर रहे पत्रकारों को मेयर जोगेंद्र रौते ला के निर्देश के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया। नाराज पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। इतना ही नहीं, कोई अंदर न आ सके इसके लिए सभागार के दरवाजे पर बाहर से ताला भी लगवा दिया गया।

पार्षद रवि जोशी ने निगम के हाईवे की पोल खोलते हुए कहा कि बिना बजट के कैसे बैठक हो रही है हाथियों ने मीडिया को बाहर निकाले जाने का भी विरोध किया

उन्होंने कहा कि नगर निगम में दो चार लोगों के इशारे पर प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। एमएनए भी एक ही व्यक्ति के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना बजट के कोई भी बोर्ड बैठक असंवैधानिक है।

कांग्रेस से जुड़े हुए पार्षदों ने बोर्ड बैठक का विरोध किया इस दौरान उन्होंने बैठक का बहिष्कार करते हुए क्षेत्रों की उपेक्षा का आरोप लगाया

यह बोर्ड बैठक नहीं बंदरबाट हो रही है। इसका जवाब मेयर को देना होगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम क्षेत्रों के विकास में भेदभाव किया जा रहा है। भेदभाव करने में नगर निगम के मेयर जोगेंद्र रौतेला उत्तराखंड में नंबर वन हैं।


पार्षद रवि जोशी ने कहा कि लोकसभा हो चाहे राज्य सभा हो, हर जगह पत्रकार मौजूद रहकर कवर करते हैं। बोर्ड बैठक की कार्यवाही से पत्रकारों को बाहर का रास्ता दिखाना निगम प्रशासन की तानाशाही को दिखाता है। नगर निगम में केवल एक आदमी (मेयर) की तानाशाही चल रही है। आखिर बोर्ड बैठक से पत्रकारों को बाहर कर नगर निगम के मेयर और एमएनए क्या छुपाना चाहते हैं?


इधर, नगर निगम की ओर से जारी पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई कि बोर्ड बैठक में कुल सात प्रस्तावों पर चर्चा हुई। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हल्द्वानी के विकास को स्वीकृत दो हजार करोड़ पर उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलेपमेंट एजेंसी द्वारा प्रस्तावित कार्यों की डीपीआर पर चर्चा की गई। इसके साथ ही मानसून जनित रोगों के रोकथाम, नालों की सफाई पर चर्चा की गई। प्रस्ताव तीन के तहत नगर निगम क्षेत्र के सभी चौराहों के सौंदर्यीकरण, प्रस्ताव चार के तहत शासन द्वारा सफाई कर्मचारियों का मानदेय 500 रुपया प्रतिदिन किए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। विशेष प्रस्ताव छह के तहत नगर निगम क्षेत्र में करीब तीन हजार पौधों का रोपण पर चर्चा, प्रस्ताव छह के तहत मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग मशीन क्रय करने और प्रस्ताव सात के तहत नगर निगम क्षेत्र में सिटी फॉरेस्ट निर्माण के प्रस्ताव पर विचार किया.