सरकार ने इस मेले को घोषित किया राजकीय मेला जानिए क्या इस मेले की विशेषता
देहरादून एसकेटी डॉट कॉम
पत्थर मार मेले के रूप में विख्यात चंपावत का बग्वाल मेला अब राजकीय मेले के रूप में जाना जाएगा. शीघ्र ही इस मेले के सरकारी होने की अधिसूचना जारी हो जाएगी. अपने तरह के इस विशेष मेले को देखने के लिए विश्व भर से श्रद्धालु आते हैं.
मां बाराही देवी के मंदिर में आयोजित होने वाला यह मेला काफी पुराना है. इस मेले में श्रद्धालु जो कि 2 खामो में बटे होते हैं एक दूसरे के ऊपर पत्थरों की बारिश करते हो मंदिर के मुख्य पुजारी के निर्देशों के अनुसार एवं पत्थरों की बरसात तब तक जारी रहती है जब तक एक व्यक्ति के जब शरीर के बराबर खून श्रद्धालुओं के शरीर से नहीं गिर जाता. जब पुजारी जी को यह लगता है कि एक व्यक्ति के शरीर के बराबर खून गिर चुका है तब वह है भगवान को बंद करने के लिए शंख ध्वनि कर देते हैं.
हालांकि अब इसमें फलों और फूलों वार किया जाता है लेकिन फिर भी कुछ लोग आस्था के नाम पर अंत में कुछ पत्थरों से वार कर देते हैं. इस मेले का काफी पौराणिक इतिहास रहा है.
देवीधुरा में मां बाराही मंदिर में लगने वाले देश के प्रसिद्ध बग्वाल (पत्थर मार) मेले को सरकार ने राजकीय मेला घोषित कर दिया है , इसका जीओ जल्द ही जारी कर दिया जाएगा ।
8 अगस्त से होने जा रहे थे प्रसिद्ध बग्वाल मेले की तैयारी को लेकर चंपावत डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में देवीधुरा में बैठक आयोजित की गई , बैठक में प्रसिद्ध बग्वाल मेले की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई , सुरक्षा ,परिवहन , विद्युत , पेयजल व्यवस्था ,शौचालय कूड़ा निस्तारण ,सांस्कृतिक दलों के रहने की व्यवस्था आदि पर भी चर्चा हुई ,
जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि मेले की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की जाएगी इस प्रसिद्ध मेले को मंदिर कमेटी क्षेत्रीय जनता के सहयोग से भव्य रूप देगी , 8 अगस्त को बग्वाल मेले की शुरुआत होगी जिसमें सीएम धामी भी शामिल हो सकते हैं , 12 अगस्त को बग्वाल खेली जाएगी , इस पत्थर मार मेले को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग हर साल देवीधुरा पहुंचते हैं ।
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