पहली बार शिव के धाम आदि कैलाश से होगा योग दिवस का आगाज, सीएम धामी करेंगे दर्शन
21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आदि कैलाश के दर्शन करेंगे। पहली बार योग दिवस का आगाज भगवान शिव के धाम आदि कैलाश से किया जाएगा। पार्वती सरोवर के किनारे सीएम धामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने आदि कैलाश में होने वाले योग दिवस के कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दे दिए हैं। बता दें पहले योग दिवस का कार्यक्रम हल्द्वानी के एफडीआई मैदान में होना था। लेकिन अब कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। आयुष विभाग ने योग दिवस कार्यक्रम को लेकट तैयारियों में जुट गया है।
तैयारियों में जुटा प्रशासन
बता दें पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदि कैलाश की यात्रा की थी। जिसके बाद से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं का रुझान आदि कैलाश के लिए बढ़ा है। पिथौरागढ़ में स्थित आदि कैलाश अब पर्यटन के रूप में विक्षित हो रहा है। जिसे देखते हुए धामी सरकार ने पहली आर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को आदि कैलाश में मनाने का निर्णय लिया है।
कैसे पहुंचे आदि कैलाश ? (How to reach Adi Kailash ?)
How to Reach Adi Kailash आदि कैलाश उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित है। यहां के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम हल्द्वानी है। जबकि नजदीकी एयरपोर्ट पंंतनगर हवाई अड्डा है। हालांकि पिथौरागढ़ में भी हवाई अड्डा है लेकिन वर्तमान में वहां से फ्लाइट का संचालन नहीं किया जा रहा है।
हल्द्वानी पहुंचने के बाद अब यहां से बस या टैक्सी पिथौरागढ़ के लिए ले सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन से भी धारचूला के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं। धारचूला से पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद तपोवान आता है। जिसके बाद आगे बढ़ने पर आपको रास्ते में मिलता है मालपा गांव। यहां पर आप खूबसूरत झरने का दीदार कर सकते हैं।
रोमांच के साथ प्राकृतिक नजारों का उठाएं लुत्फ
मालपा से आगे आप गुंजी गांव पहुंचेंगे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आपको मिलेगा सीता पुल। यहां पर आप भारत ओर नेपाल की पहाड़ियों को जोड़ते हुए सीता पुल देख सकते हैं। जो कि लकड़ी का बना हुआ है जो कि हवा मे झूलता हुआ है। यहां से थोड़ा आगे बढ़ने पर आप पार्वती सरोवर पहुंचेंगे। यहां पर आप मशहूर शिव पार्वती मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
इस सरोवर के पास ही काली मंदिर है। इसी के पास शेषनाग पर्वत और वेदव्यास गुफा स्थित है। यहीं से लोग आदि कैलाश के दर्शन करते हैं। बता दें कि पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर धारचूला पहुंचने के बाद यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण होता है। जिसके बाद उन्हें इनर लाइन परमिट जारी होता है।
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