बनभूलपुरा के मामले में पहली बार सीएम ने दी प्रतिक्रिया, कही ये बात

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बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए साढ़े चार हजार से अधिक मकानों को ध्वस्त करने के मामले में कल यानी पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। बनभूलपुरा में रेलवे जिस जमीन को अपना बता रहा है और जिस जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है उस भूमि पर बने मकान टूटेंगे या नहीं ये पांच जनवरी को ही तय होगा।


सीएम ने पहली बार दी प्रतिक्रिया
हालांकि इस बीच बनभूलपुरा के मसले पर पहली बार मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। सीएम ने कहा है कि हम कानून और संविधान पर विश्वास करने वाले लोग हैं।


हरदा उपवास पर बैठे
उधर इसी मसले पर हरीश रावत ने एक घंटे का मौन उपवास रखा है। इस दौरान हरीश रावत ने कहा है कि जिनके ऊपर अतिक्रमण के नाम पर उनके घरों व आशियानों को तोड़े जाने की तलवार लटकी हुई है और इस उपवास के माध्यम से मैं राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रार्थना कर रहा हूं कि यह हमारे राज्य का एक महान मानवीय पक्ष है।


ओवैसी का जोरदार निशाना
वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ जोरदार हमला बोल दिया है। उनके निशाने पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार से पीड़ितों की आवाज सुनने की बात कही है।
ओवैसी ने हल्द्वानी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अल्पसंख्यकों पर कार्रवाई से जोड़ते हुए बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की मांग की है। ओवैसी ने कहा है कि इंसानियत दिखाते हुए उत्तराखंड के हल्द्वानी के लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को वहां से नहीं निकाला जाना चाहिए। ओवैसी ने सवाल किया कि हल्द्वानी के लोगों के सिर से छत छीन लेना कौन सी इंसानियत है?

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