पिता ने बोला पैसा कमाकर दिखाओ, तो बेटे ने YouTube पर वीडियो देखकर किया ये

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हर किसी ने अपने मां-बाप से एक ना एक बार तो अपने जीवन में ताने सुने ही होंगे। कभी मां बाप पढ़ाई के लिए ताना देते है, कभी शादी करने के लिए सुनाते है और अगर घर में बैरोजगार बैठे हो तो नौकरी या पैसा कमाने के ताने अक्सर हमारे मुल्क में सुनने को मिलते है।

इसी से मिलता-जुलता मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से आ रहा है। यहां पर एक बीएससी का छात्र अपने पिता के तानों से इतना आहत हो गया कि उसने पैसों के लिए बैंक लूटने का मन बना लिया। उसने यूट्यूब पर बैंक लूट की कई वीडियो देखीं और रील्स के जरिए भी प्लानिंग की। युवक ने अकेले ही बैंक लूटने की योजना बनाई थी। लेकिन बैंककर्मियों की सतर्कता से वो पकड़ा गया।

बेटा YouTube पर वीडियो देख पहुंचा बैंक लूटने

दरअसल ये घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे की है। घाटमपुर के पतारा इलाके में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैंक में साइकिल से पहुंचे युवक ने तमंचा, चाकू, सर्जिकल ब्लेड और सूजा लेकर बैंक में घुसने की कोशिश की। गार्ड ने युवक को रोकने की कोशिश की। हालांकि युवक ने चाकू से गार्ड पर हमला किया और बैंक के अदंर घुस गया। इसके बाद, बैंक मैनेजर और कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और रस्सी से बांध दिया। इस संघर्ष में तीन लोग घायल हुए। तो वहीं युवक को भी हल्की चोटें आईं।

बीएससी का छात्र है आरोपी युवक

आरोपी युवक का नाम लविश मिश्रा है। लविश बीएससी के साथ आईटीआई की पढ़ाई कर रहा है। पुलिस जांच में पता चला कि लविश ने यूट्यूब पर 50 से अधिक बैंक लूट की वीडियो देखीं, खासकर उन घटनाओं को जिसमें अपराधियों ने अकेले ही वारदात को अंजाम दिया था। बताते चलें कि लविश एक किसान का बेटा है। उसके पिता अक्सर उसे खुद पैसा कमाने की सलाह देते थे। जल्दी पैसा कमाने की चाह में लविश ने गलत रास्ता अपनाया और बैंक लूटने का प्रयास किया।

बैंक लूटने का बनाया प्लॉन

लविश ने सर्जिकल ब्लेड और सूजा लेकर गार्ड को डराने और बैंक कर्मचारियों को डराने की योजना बनाई थी। उसके पास एक बैग भी था। जिसमें वह पैसे भरने की सोच चुका था। हालांकि, उसकी योजना सफल नहीं हो सकी और वह पकड़ा गया। पुलिस पूछताछ में उसने पहले दावा किया कि उसे धमकी देकर बैंक लूटने भेजा गया था। लेकिन जांच में यह साबित हुआ कि उसने खुद ही यह योजना बनाई थी।

युवक को नहीं है कोई पछतावा

बता दें कि पकड़े जाने के बाद भी लविश को कोई पछतावा नहीं है। पुलिस थाने में भी वो अकड़ में रहा और जेल जाते समय भी उसकी ठसक बरकरार थी। इस घटना ने एक बार फिर ये सवाल उठाया है कि युवाओं को सही दिशा देने और गलत रास्ते से बचाने की जिम्मेदारी किसकी है