Uttarakhand Election 2024 : अल्मोड़ा सीट पर महिलाएं अहम फेक्टर, उम्मीदवारों की किस्मत का करेंगी फैसला

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अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर इस बार महिलाएं अहम फेक्टर हैं। महिलाओं के हाथ में इस बार जीत की चाभी है। महिलाएं और युवा अल्मोड़ा सीट पर उम्मीदवार की किस्मत लिखेंगे। इस बार लोकसभा चुनाव में जिस प्रत्याशी की ओर युवाओं और महिलाओं का रूझान होगा उसी प्रत्याशी की जीत होगी।


अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र की 14 में से छह विधानसभाओं में पुरूषों से ज्यादा महिला वोटर्स की संख्या है। इसी कारण इस बार किस प्रत्याशी की जीत होगी औक किसकी हार ये तय करने मं महिलाएं अहम भूमिका निभाने वाली हैं। बता दें कि प्रदेश की पांचों लोकसभी सीटों में अल्मोड़ा सीट पर सबसे ज्यादा महिला वोटर्स हैं। इसलिए जिस तरफ महिलाओं का रूझान होगा उस उम्मीदवार का जीतना तय होगा।

महिला वोटर्स का आंकड़ा 2 लाख के पार
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट में युवा और महिलाएं इस बार उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। अल्मोड़ा में महिला वोटर्स की संख्या दो लाख के पार पहुंच गई है। ये आंकड़ा अब तक 2 लाख 60 हजार के पार पहुंच गया है।

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव से ये आंकड़ा 15 हजार अधिक है। चार जिलों वाली इस सीट में भले ही चंपावत जिले में सबसे कम महिला वोटर्स हैं। लेकिन इस बार चंपावत जिले में भी इनकी संख्या में सात हजार की बढो़तरी हुई है।

युवा मतदाताओं के हाथ में उम्मीदवारों की किस्मत
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर युवा मतदाताओं की बात करें तो इस सीट पर 18 से 19 साल के 21 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। जबकि 20 से 29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या दो लाख 60 हजार से अधिक है। वहीं 30 से 39 साल के वोटर्स की संख्या तीन लाख 37 हजार से ज्यादा है। आंकड़ों से साफ है कि जो प्रतियाशी युवाओं की पसंद होगा और उसे महिलाओं का भी साथ मिलेगा उसी के सर जीत का ताज सजेगा।

चौथी बार आमने आमने आए प्रदीप टम्टा व अजय टम्टा
उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से एक अल्मोड़ा लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को तो बीजेपी ने अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया है। दोनों चौथी बार आमने-सामने हैं। बता दें कि साल 2009 में प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा लोकसभा चुनावों के लिए पहली बार आमने-सामने आए और कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा की जीत हुई। उन्हें 200310 वोट मिले थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी अजय टम्टा 192987 वोट ही हासिल कर पाए थे।

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर से कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को तो वहीं बीजेपी ने अजय टम्टा को टिकट दिया। इस बार प्रदीप टम्टा को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रदीप टम्टा एकलौते ऐसे प्रत्याशी थे जिन्हें बेहद ही कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में एक बार फिर बीजेपी ने अजय टम्टा को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने इस बार भी प्रदीप टम्टा को टिकट दिया। लेकिन साल 2019 में फिर प्रदीप टम्टा को हार का सामना करना पड़ा