पछास छात्रों एवम पत्रकार पर हमले की निंदाAbvp छात्रों के कृत्य पर रोष

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हल्द्वानी

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष नफीस अहमद खान ने
कल 28 सितम्बर को शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर डिग्री कॉलेज हल्द्वानी में पछास संगठन के कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने का कार्यक्रम किया जा रहा था।

इसी दौरान ए बी वी पी के कार्यकर्त्ताओं ने पछास कार्यकर्ताओं को भगत सिंह की मूर्ती पर पुष्पांजलि अर्पित करने से न सिर्फ रोका बल्कि उनके साथ मारपीट की। चोटिल कार्यकर्ता महेश और चन्दन को कॉलेज के बाहर भी घेर कर मारा। इन्होंने हिंदुस्तान के पत्रकार प्रमोद डालाकोटी जी से भी मारपीट की।
कोतवाली में पछास कार्यकर्ताओं के पक्ष में बात रख रहीं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी व एक अन्य महिला कार्यकर्ता के साथ भी इन्होने अभद्रता की जिसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. क्या शहीदों का सम्मान करना इस लोकतान्त्रिक देश अपराध हो गया है? क्या यही है शहीदों के सपनों का भारत?
क्या शहीदों ने आजादी के लिए कुर्बानियां इसी लिए दी थीं? शहीदों के सम्मान का विरोध करना किसी भी हालात में देशहित में तो हो नहीं सकता.
शहीदों का सम्मान से रोकने और सम्मान करने वालों से मारपीट करने की भीम आर्मी कड़े शब्दों में निंदा करती है और ए बी वी पी कार्यकर्ताओं पर संवैधानिक कार्रवाई की मांग करती है