बिल्डर साहनी आत्महत्या मामला, ED को सौंपी जा सकती है जांच, SSP ने लिखा पत्र

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बिल्डर सतेंद्र साहनी आत्महत्या मांमले में बड़ा अपडेट सामने आया है। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका जताई जा रही है। जिसके बाद मामले की जांच ईडी को सौंपी जा सकती है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने जांच के लिए ईडी को लिखा है।

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सुसाइड केस में अब ईडी की एंट्री हो सकती है। सतेंद्र साहनी सुसाइड केस में प्रोजेक्ट कंपनी के खातों में गुप्ता परिवार व विभिन्न माध्यमों से संदिग्ध लेनदेन पाया गया। उक्त कंपनियां कोई shell कंपनी ना हो या कंपनी में विभिन्न माध्यमों से धनराशि के संदिग्ध लेनदेन के संबंध में मनीलॉन्ड्रिंग की संभावनाओं को देखते हुए ईडी मामले की जांच कर सकती है।

कब्जे में लिए CCTV कैमरों की DVR
गुरुवार को पुलिस जांच को आगे बढ़ाते हुए डालनवाला स्थित अजय गुप्ता के आवास पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने अजय गुप्ता के घर लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर को कब्जे में ले लिया। इसके साथ ही आवास में नियुक्त कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज किए।

सुसाइड नोट में सामने आया था नाम
बता दें 24 मई को देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी ने सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। साहनी के पास से मिले सुसाइड नोट में गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता और उसके बहनोई अनिल गुप्ता का नाम सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।

बिल्डर साहनी ने लगाए थे ये आरोप
साहनी ने सुसाइड नोट में आरोप लगाए थे कि उन्होंने कांप्लेक्स के निर्माण के लिए अनिल गुप्ता से साझेदारी की थी। लेकिन इस बीच अजय गुप्ता ने दखलअंदाजी करते हुए उन पर पूरा प्रोजेक्ट अपने नाम कराने का दबाव बनाने लगा। बिल्डर साहनी के आत्महत्या के बाद सामने आया की सुसाइड से पहले 16 मई को उन्होंने पुलिस को शिकायती प्रार्थनापत्र दिया था।

आरोपियों के खिलाफ बढ़ी धारा
प्रार्थनापत्र में साहनी ने अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली करने के लिए डराने और धमकाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली की धारा बढ़ा दी है। पुलिस पूरे मामले में साहनी के परिजनों और कारोबार से जुड़े लोगों के बयान भी दर्ज कर रही है