ब्रेकिंग-टेंशन न ले-ट्रांसपोर्टर्स की हुई सरकार से बात हड़ताल वापस

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नई दिल्ली skt. कॉम

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मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों पर नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ दो दिन से हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवरों और सरकार के बीच सुलह हो गई, जिसके बाद हड़ताल वापस लेने पर सहमति बन गई.


देश भर में पिछले दो दिनों से ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से आवाजाही प्रभावित रही. इसी को देखते हुए मंगलवार को सरकार ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बात की. जिसके बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने की अपील की.

हालांकि उन्होंने कहा है कि सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी.
-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान हैं, जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की थी.

गृह सचिव भल्ला ने एआईएमटीसी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कहा, “सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.”

भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, “जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस साल तक के कारावास की सजा होगी और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.”


नए कानून में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) और 106 (2) है, जो इस तरह के ग़ैरइरादतन हत्या के अपराध में लगती हैं. इसके मुताबिक अगर किसी व्यक्ति से गलती से एक्सीडेंट होता है, और वो घायल को अस्पताल लेकर जाता है या पुलिस/मजिस्ट्रेट को तुरंत सूचित करता है, तो ये BNS की धारा 106 (1) के अन्तर्गत आएगा, जो जमानती होगा. इसमें अधिकतम 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है. कहा जा रहा है कि इससे लोग अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे और लोगों की जान बच पाएगी.