ब्रेकिंग-यहां टिंबर ट्रेल रोपवे में 11 लोग फंसे,इस हाईवे पर लगा जाम

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हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के परवाणू स्थित टिंबर ट्रेल रोपवे (केबल कार) में सोमवार को 11 लोग फंस गए। सभी लोगों को रस्सी के सहारे सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। यह ट्रॉली पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक हवा में अटकी रही। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक रोक देने की वजह से दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। सोलन जिला प्रशासन और टिंबर ट्रेल के टेक्निकल स्टाफ की मदद से फंसे हुए सैलानियों को सुरक्षित निकाला गया। वहीं NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई है।

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहुंच रहे मौके पर

प्रशासन ने ट्रॉली में फंसे लोगों का मनोबल बढ़ाने में लगा रहा। रेस्क्यू करने के बाद निकाले गए लोगों के स्वास्थ्य जांच की गई। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वयं सभी लोगों को जल्द सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने खुद भी ट्वीट करके मौके पर जाने की बात कही। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रोपवे के पास बड़ी संख्या में लोग जुट गए। बताया जा रहा है कि ट्राली जमीन से 120 मीटर से अधिक ऊंचाई पर हवा में लटकी रही। ट्रॉली से निकाले गए लोग बेहद घबराए हुए हैं।


रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर लगा जाम।
राज्य के प्रवेश द्वार परवाणू के पास टिंबर ट्रेल से करीब 800 मीटर दूर पहाड़ी पर टिंबर ट्रेल रिजोर्ट है। होटल के लिए लोग रोपवे के जरिए पहुंचते हैं। सोमवार को करीब 11 बजे ट्रॉली में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद से ट्रॉली हवा में लटक गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार सभी लोगों को रस्सी के जरिए उतार कर रेस्क्यू किया गया। कुछ लोग रस्सी के जरिए उतरने में घबरा रहे थे। इस वजह से इन्हें रेस्क्यू करना चुनौतीपूर्ण हो गया।

जिला प्रशासन ने सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सेना से मदद मांगी। वहीं तकनीकी खराबी के कारण हवा में अटकी ट्रॉली को दुरुस्त करने के लिए तकनीकी टीम भी पहुंची।


हवा में अटकी ट्रॉली से रस्सी के जरिये रेस्क्यू करती टीम।
दिल्ली के बताए जा रहे हैं लोग

ट्रॉली में फंसे लोग दिल्ली के बताए जा रहे है। इनमें कई बुजुर्ग भी हैं, जो रस्सी के जरिए उतरने में घबराहट महसूस कर रहे थे। ट्रॉली में फंसे लोग खुद वीडियो बनाकर मदद की अपील करते रहे। DC सोलन कृतिका कुल्हरी के मुताबिक NDRF की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया। टीम मौके पर पहुंचते ही रेस्क्यू में जुट गई।

रोपवे की ट्रॉली में फंसे लोग वीडियो बनाकर कह रहे हैं कि वह कई घंटे से टिंबर ट्रेल ट्रॉली में फंसे हुए हैं। अब तक उन्हें रेस्क्यू करने की कोई व्यवस्था नहीं हुई। ट्रॉली में फंसे लोगों में कई बुजुर्ग हैं। लोग कह रहे हैं कि हवा में लटके होने से उन्हें घबराहट हो रही है। एक पर्यटक कह रहा है कि वह बीपी शुगर के मरीज हैं। वह रस्सी से जंगल में उतरने की स्थिति में नहीं है। वहीं एक महिला घुटनों में दर्द होने और एक अन्य महिला हार्ट पेशेंट होने की वजह से रस्सी से उतरने को इनकार कर रही है।

ट्रॉली में फंसे सभी लोग टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट से लौट रहे थे। इस दौरान तकनीकी खराबी के कारण बीच हवा में ट्रॉली अटक गई। ट्रॉली को हवा में लटके करीब पांच से ज्यादा घंटे हो गए। राज्य आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव सुदेश कुमार मोक्टा ने बताया कि ट्रॉली में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एयरफोर्स और NDRF को बुलाया गया।


इससे पहले भी अक्टूबर 1992 को कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित टिंबर ट्रेल में 11 सैलानी फंसे थे। इनमें एक बच्चा भी शामिल था। उस दौरान एक ट्राली अटेंडेंट गुलाम हुसैन ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।