बीजेपी ने राजशाही परिवार पर फिर जताया भरोसा, इन्हें उतारा मैदान में

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बीजेपी ने शनिवार को लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की है। जिसमें उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों के लिए भी उम्मीदवारों की घोषणा की गई। जिसमें तीनों सीटों पर बीजेपी ने पुराने उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया है। अल्मोड़ा से अजय टम्टा, नैनीताल-उधम सिंह नगर से अजय भट्ट और टिहरी सीट से माला राज्य लक्ष्मी शाह को उम्मीदवार बनाया गया है।


टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने राजशाही परिवार पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। टिहरी से नए चेहरे को मौका देने की चर्चाओं और कयासों के बीच बीजेपी ने एक बार फिर से अपने फैसले से सबको चौंका दिया। उम्मीदवारी को लेकर सबसे अधिक शंकाओं में घिरी टिहरी सीट पर बीजेपी ने उम्मीदवार को रिपीट किया और एक बार फिर से माला राज्यलक्ष्मी शाह को मैदान में उतारा है।

इस फैसले से पार्टी के भीतर ही एक वर्ग अचंभे में
टिहरी सीट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चाओं के बाजार गर्म थे। माना जा रहा था कि इस सीट से बीजेपी किसी नए और युवा चेहरे को मौका दे सकती है। लेकिन बीजेपी ने राजशाही पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। इस फैसले से पार्टी के अंदर ही एक वर्ग अचंभे में है। लेकिन पार्टी हाईकमान ने चुनावी गणित के हिसाब से ही राजशाही परिवार की प्रतिनिधि को प्रत्याशी बनाना बेहतर समझा है।

टिहरी सीट पर 11 बार जीता राजशाही परिवार
टिहरी सीट पर राजशाही परिवार का तिलिस्म ही है जिसके प्रभाव के कारण टिहरी सीट पर राजशाही परिवार 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार जीता है। स्वतंत्रता के बाद अब तक 17 लोकसभा चुनाव में 11 बार राजशाही परिवार ने जीत हासिल की है। 1952 में पहली बार में इस सीट पर राज परिवार की कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। इसके बाद राजशाही परिवार से मानवेंद्र शाह ने 1957, 1962 और 1967 के लोकसभा चुनावों में जीते। मानवेंद्र शाह ने कांग्रेस से ये चुनाव लड़े थे।

1991 में मानवेंद्र ने शाह ने भाजपा ज्वाइन कर ली। जिसके बाद 1991 से 2004 तक हुए पांच आम चुनावों में मानवेंद्र शाह भाजपा से लगातार जीते। बता दें कि टिहरी सीट से आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड राजशाही परिवार के मानवेंद्र शाह के नाम ही है।

2012 में उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनी थी माला राज्यलक्ष्मी
माला राज्यलक्ष्मी शाह साल 2012 में टिहरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार बनाई गईं और वो निर्वाचित भी हुई। इसके बाद साल 2014 में और फिर 2019 में उन्हें फिर से इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया और दोनों ही बार वो जीतीं। टिहरी में राजशाही परिवार के दबदबे के कारण ही शायद एक बार फिर हाईकमान ने माला राज्यलक्ष्मी शाह को ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार बनाया है