देवों की भूमि पर भाजपाई भ्रष्टाचारियों ने किया कब्जा- रणदीप सिंह सुरजेवाला

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हल्द्वानी।यहां पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि देवों की भूमि पर भाजपाई भ्रष्टाचारियों ने कब्जा कर लिया है। अब वोट की चोट से ‘‘भाजपा और भ्रष्टाचार’’, दोनों को हराने का मौका आया है।

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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री, त्रिवेंद्र सिंह रावत पर एक पत्रकार, उमेश कुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि 2016 में जब वे बीजेपी के झारखंड प्रभारी थे, तब उन्होंने एक व्यक्ति को गौ-सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत ली थी और रुपये अपने रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराए थे। बेशर्म भाजपा सरकार ने आरोपों की जाँच करने की बजाय उनके खिलाफ ही आईपीसी की धारा 124ए के तहत राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया। पत्रकार ने हाईकोर्ट की शरण ली।उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि ‘‘सरकार की आलोचना करना कभी राजद्रोह नहीं हो सकता।’’

इतना ही नहीं, उच्च न्यायालय ने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के प्रतीत होते हैं, इसकी जाँच सीबीआई से कराई जानी चाहिए’’। यदि छिपाने के लिए कुछ नहीं था, तो निष्पक्ष सीबीआई जाँच होनी चाहिए थी। पर सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई, जहां मामला विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि पवित्र कुंभ के मेले में खुला भ्रष्टाचार -खेला श्रृद्धालुओं के जीवन से खिलवाड़ किया गया। खुलासा तब हुआ जब फरीदकोट, पंजाब के विपिन मित्तल को कुंभ मेले में आरटी-पीसीआर टेस्ट का मैसेज आया, जब कि वो कुंभ गए ही नहीं। विपिन मित्तल की शिकायत और आरटीआई के आधार पर जाँच के आदेश दिए।

भाजपा की उत्तराखंड सरकार ने 11 कंपनियों में से केवल एक कंपनी, मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कंपनी की जाँच कराई और एक लाख से अधिक टेस्ट फर्जी पाए। सैकड़ों लोगों के एक ही मोबाईल नंबर बताए। इतना ही नहीं मैक्स कॉरपोरेट ने जीस नवाला कंपनी को काम आउटसोर्स किया था, उसने भी एक कंपनी डोल्फिला कंपनी को काम आउटसोर्स किया, जिसके बारे में खुलासा हुआ कि उसके पास तो आरटी-पीसीआर टेस्ट करने का लाइसेंस ही नहीं है। फर्जीवाड़े का एक उदाहरण ये भी है कि इस कंपनी ने हरिद्वार के नेपाली फार्म एरिया से 3,925 सैंपल इकट्ठा करना बताया, मगर पता लगा कि सबके नाम पर एक ही मोबाईल नंबर बताया।

यह भी खुलासा हुआ कि मैक्स कॉर्पाेरेट सर्विस कंपनी को कोरोना जाँच का कॉन्ट्रैक्ट 12 मार्च, 2021 को दिया गया था। इस कंपनी ने भाजपा सरकार में बैठे लोगों से मिलीभगत कर ओवर राइटिंग से इस तिथि को 12 जनवरी 2021 कर लिया।