पाकिस्तान में इतिहास की सबसे बड़ी बाढ़ से हाहाकार

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पाकिस्तान में मानसून कहर बनकर टूट पड़ा है। कंगाल पाकिस्तान में आई बाढ़ ने इस देश की कमर तोड़ दी है। पहले से ही महंगाई से परेशान पाकिस्तान में बाढ़ से खाने का संकट पैदा हो गया है। तबाही का आलम यह है कि पड़ोसी देश में मानसूनी बारिश और बाढ़ से करीब 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे में पाकिस्तान को अब भारत से मदद की आस है। पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत से मदद को लेकर उम्मीदें बांधी थीं।

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बाद में शहबाज शरीफ ने उनकी राय से कुछ अलग ही सुर अलापे थे। भारत से मदद मिल जाए, इस आस में पाकिस्तान को तब और उम्मीद बंधी, ज​ब बाढ़ से बर्बादी पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई। इसके बाद पाकिस्तान को भारत से मदद की उम्मीद है। वह भारत से सब्जियां और अनाज मंगवा सकता है।


पाकिस्तान ने भले ही भारत से कारोबारी रिश्ते तोड़ लिए हों। लेकिन बाढ़ से बर्बादी के बाद उसे भारत की याद आ रही है। वैसे पाकिस्तान आज भी कुछ जरूरी जीवनरक्षक दवाएं भारत से लेता है। अब फिर पाकिस्तानियों के जीवन बचाने की बात आई, तो पाकिस्तान भारत की ओर उम्मीद से टकटकी लगा रहा है। मॉनसूनी बारिश ने पूरे पाकिस्तान में भीषण तबाही मचाई है जिससे अब तक करीब 1,100 लोगों की मौत हुई और खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।


बाढ़ की वजह से पाकिस्तान में अब तक की 3 हजार किलोमीटर की सड़कें बह चुकी हैं। ऐसे में जनता को राहत सामग्री पहुंचाने में भी दिक्कत हो रही है। इसके अलावा बाढ़ ने फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। करीब 20 लाख एकड़ में फैली फसल नष्ट हो चुकी है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सिंध, बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा और पंजाब राज्य में दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान में औसतन 130 मिमी बारिश होती है लेकिन इस बार ये बारिश 385 मिमी हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर तक इसी तरह भारी बारिश का अनुमान है। इस बार सिंध में सामान्य से 784 प्रतिशत, बलूचिस्तान में 522 प्रतिशत, गिलगित बालिटस्तान में 225 प्रतिशत, पंजाब में 62 प्रतिशत और खैबरपख्तूनख्वां में 54 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।