भोले के भक्तों के लिए बड़ी खबर- वाहनों से कराई जाएगी कैलाश यात्रा, यहां करें रजिस्ट्रेशन

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भारत – तिब्बत सीमा के निकट तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होने के कारण आदि कैलाश यात्रा वाहन द्वारा कराए जाने की योजना की जा रही है। इस यात्रा को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने एवं सह – संचालन के लिए कुमाऊँ मंडल विकास निगम ने नॉएडा की संस्था डिवाईन मन्त्रा प्रा0 लि0 (ट्रिप टू टेंपल्स) के साथ अनुबंध किया है। करोना काल के बाद यह साल भोले बाबा के भक्तों के लिए शुभ समाचार लेकर आया है। कुमाऊं मंडल विकास निगम 1990 के दशकों से सुरक्षा एवं सुविधा के साथ आदि कैलाश यात्रा कराने में अग्रणी रहा है। कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अतिथि विश्राम गृह, रसोईघर एवं कुशल अनुभवी कर्मचारी इस यात्रा के संचालन में काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। पहले इस यात्रा में सड़क ना होने के कारण लगभग 200 किलोमीटर पैदल चलना होता था और अब भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के प्रयासों और सीमा सड़क निर्माण विभाग के सानिध्य में नाभिढांग एवं जोलिंगकोंग तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य चत्र रहा है और अब यह यात्रा बिना पैदल चले हुए वाहन से पूर्ण की जाएगी। कुमाऊँ मंडल विकास निगम का प्रारंभ से ही यह ध्येय रहा है कि ज्यादा से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को सुविधा एवं सुरक्षा के साथ आदि कैल्लाश यात्रा कराया जाए और साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जायेगे। अपनी इसी उददेश्य हेतु कुमार्ऊँ मंडल विकास निगम नैनीताल ने डिवाईन मन्त्रा प्रा0 लि0 नोएडा (ट्रिप टू टेम्पल्स) के साथ इस यात्रा के प्रचार प्रसार एवं पंजीकरण हेतु अनुबंध किया है। अब यह यात्रा कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल और डिवाईन मन्त्रा प्रा0 लि0 नोएडा (ट्रिप टू टैंपल्स) द्वारा मिलकर आयोजित की जाएगी।

स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने हेतु, कुमाऊँ मंडल विकास निगम के सहयोग से बने स्थानीय होम सटे को भी उपयोग में त्राया जाएगा जो अपने आप में तीर्थ यात्रियों को वहां की स्थानीय संस्कृति, परम्पराओ को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ऊ पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितनी ही प्रमुखता दी गई है। देवभूमि उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलाश जो हूबहू कैलाश पर्वत की छवि है।ऐसी मान्यता है कि आदि कैलाश पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा है और पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल्र हुआ करता था। साक्षात शिव का प्रतीक अपने मस्तक पर सुशोभित किया हुए ऊँ पर्वत कुल्र 3 देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं वृहत पुराण जैसे ग्रंथों में मित्रता है।

आदि कैलाश एवं ऊ पर्वत यात्रा सिर्फ़ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे हैं। काठगोदाम से काठगोदाम तक 8 दिनों में होने वाली यह
यात्रा भीम द्वारा बनाए गए भीमताल, नीम करोली बाबा के आश्रम कैंची धाम, चितई गोल मंदिर, पौराणिक से मंदिरों का समूह जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड , पाताल भुवनेश्वर महाभारत काल के बहुत से स्थानों जैसे पांडव किला,
कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरती है।

इन सभी तीर्थों के अपने अलग अलग महत्व है और इस अनुबंध के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस यात्रा का लाभ प्रदान
करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। खूबसूरत पहाड़ियों से घिरे, नैसर्गिक दृश्यों से परिपूर्ण, मन को रोमांचित करने वाली इस यात्रा का अनुभव एक भोले भक्त ही समझ सकता है। यात्रियों के अनुभव को और उत्तम बनाने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम और ट्रिप टू टेम्पल्स द्वारा यात्रा में हवन पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन भी किया हैै।

यह प्रयास इस क्षेत्र में पर्यटन और स्थानीय रोजगार वृद्धि में अत्यंत सहायक सिद्ध होंगे। यात्रा का प्रारंभ जून माह के प्रथम सप्ताह से प्रारंभ होकर अक्टूबर माह तक चल्रेगा। डिवाईन मन्त्रा प्रा0 लि0 नोएडा (ट्रिप टू टेम्पल्स) दवारा यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। कुमाऊं मंडल विकास निगम इस यात्रा को ज़्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने और जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है और आशा करता है कि जो लोग भी पैदल ना चल पाने के कारण आदि कैलाश यात्रा नहीं कर पा रहे थे अब वह नई सड़क मार्ग से भोले दर्शन के ल्रिए अवश्य पधारेंगे। इस मौके पर कुमाऊँ मंडल विकास निगम के मनेजिंग डारेक्टर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कुमाऊँ क्षेत्र की खूबसूरती और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से सुविधा में वृद्धि के बारे में बताया।

और ज्यादा से ज्यादा लोगों को तीर्थ एवं पर्यटन हेतु आने के लिए आमंत्रित किया है। कुमाऊँ मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक एपी बाजपेई ने बताया कि यह यात्रा स्थानीय लोगों को स्वरोजगार देने और होमस्टे को बढ़ावा देने के साथ-साथ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करने के उद्देश्य में नया कदम है क्योंकि बिना किसी परेशानी से अब सीधे वाहन से भगवान आदि कैलाश की यात्रा की जा सकेगी।