लखीमपुर खीरी मामले पर बयान देने के एक दिन बाद वरुण माँ मेनका के साथ इस महत्वपूर्ण कमेटी से हुए बाहर

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हल्द्वान एसकेटी डॉट कॉम
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। संयोग से यह सूची कब जारी हुई है जब एक दिन पहले वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बयान दिया था कि अगर इस मामले पर जल्द कार्यवाही नहीं होगी तो लोगों के दिलों में एक बात घर कर जाएगी कि सरकार अहंकार में है।

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इस मामले के दूसरे ही दिन जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हुई तो उसमें उत्तर प्रदेश से सांसद वरुण गांधी और उनकी मां को कार्यसमिति में जगह नहीं दी गई। इसके अलावा भाजपा के प्रखर नेता एवं अपने विचारों को विवाह की से प्रकट करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं रखा गया है। सुब्रमण्यम स्वामी कई बार केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री मोदी पर भी अपनी बेबाक टिप्पणी दे चुके हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा भारी भरकम राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई गई है जिसमें 80 सदस्यों के अलावा पौने दो सौ के करीब विशेष आमंत्रित एवं स्थायी सदस्यों को भी स्थान दिया गया है। उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल को देखते हुए यहां से 12 सदस्यों एवं 6 स्थाई आमंत्रित सदस्यों को स्थान दिया गया है। वहीं उत्तराखंड से भी सांसद अजय भट्ट विजय बहुगुणा और सतपाल महाराज को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है ।।

वरुण गांधी से जब इस संबंध में पूछा गया कि उन्हें आखिर क्यों राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर किया गया होगा तो उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पिछले 4 सालों में एक बार ही एन ईसी यानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में एक बार भी प्रतिभाग करने नहीं गए जिसकी वजह से हो सकता है कि उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति में स्थान नहीं दिया गया हो। राष्ट्रीय कार्यसमिति भाजपा की आगामी भविष्य की नीतियों को आकार देने वाली एक बहुत बड़ी शक्तिशाली समिति होती है जो पार्टी की दिशा और दशा पर अपना विचार देती है जिसे पार्टी लागू भी करती है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना के बाद जिस तरह से वरुण गांधी ने बयान दिया था उससे उनके राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल नहीं किए जाने को जोड़ा जा रहा है राजनीतिक हलकों में यह भी भी चर्चा है की पार्टी एवं पार्टी के हाईकमान पर जो कोई भी किसी भी तरह से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साघेगा बयान बाजी करेगा उसे किसी भी तरह से सहन नहीं किया जाएगा।