पीएम मोदी के गांव वडनगर में मिली 2800 साल पुरानी बस्ती, जानिए खुदाई में क्या-क्या मिला
गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव वडनगर में 2800 साल पुरानी एक बस्ती के अवशेष मिले हैं। IIT खड़गपुर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और डेक्कन कॉलेज के शोधकर्ताओं को 800 ईसा पुरानी मानव बस्ती के सबूत मिले हैं। जानकारी के अनुसार, 800 ईसा पूर्व पुरानी इस बस्ती में 7 सांस्कृतिक चरणों की उपस्थिति का पता चला है। IIT खड़गपुर के प्रोफेसर डॉ. अनिंद्य ने मीडिया रिपर्ट में बताया कि वडनगर खुदाई का काम साल 2016 से चल रहा है और टीम ने 20 मीटर गहराई तक खुदाई की है।
खुदाई में क्या-क्या मिला ?
ASI अधिकारी अभिजीत अंबेकर ने मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी है कि इसकी कई गहरी खाइयों में खुदाई से 7 सांस्कृतिक चरणों की उपस्थिति का पता चला है। जिनमें मौर्य, इंडो-सीथियन और शक-क्षत्रप, हिंदू सोलंकी, सल्लनत मुगल से लेकर गायकवाड़- ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और आज का शहर जारी है। हमार खुदाई के दौरान बौद्ध मठों में से एक की खोज भी की गई है। खुदाई में मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोना, चांदी और लोहे की वस्तुएं, जटिल डिजाइन वाली चूड़ियां मिली हैं। इसी के साथ यूनानी राजा अपोलेडेटस के सिक्कों के सांचे भी मिले हैं। उन्होनें ये भी दावा किया है कि खोजे गए अवशेष वडनगर को भारत में अब तक खोदे गए एक ही किले के भीतर सबसे पुराना जीवित शहर बनाते हैं।
हड़प्पा काल से जुड़ी हो सकती है बस्ती
इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि ये बस्ती 1400 ईसा पूर्व जितनी पुरानी हो सकती है, जो उत्तरी शहरी हड़प्पा काल के अंतिम चरण के समकालीन है। वहीं आर्कियोलॉजिकल सुपरवाइजर मुकेश ठाकुर ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि भारतीय इतिहास के बीते 2200 सालों के उथल-पुथल भरे समय के दौरान मध्य एशिया से भारत पर सात आक्रमण हुए हैं, जिनकी छाप वडनगर के क्रमिक सांस्कृतिक काल में भी पाई जा सकती है। उन्होनें कहा कि एक लाख से ज्यादा अवशेष खोजे गए हैं और वडनगर में करीब 30 जगहों पर खुदाई की गई है।
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