युवक की मौत मामला, ग्रामीणों समेत अज्ञात पुलिसकर्मियों पर डकैती का मुकदमा दर्ज

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रुड़की के बेलड़ा गांव में युवक की मौत पर हुए बवाल में अब पुलिसकर्मियों को भी शक के घेरे में ले लिया है। इस प्रकरण में एससी, एसटी आयोग के अध्यक्ष के निर्देश के बाद अनुसूचित जाति की महिला की तहरीर पर ग्रामीणों और अज्ञात पुलिसकर्मियों पर डकैती, उत्पीड़न और छेड़खानी समेत कई आरोप लगे हैं।

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सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र स्थित बेलड़ा गांव में 11 जून की रात गांव में एक युवक का शव ट्रैक्टर-ट्रॉली के पास पड़ा मिला था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। अगले दिन परिजनों और ग्रामीणों ने कोतवाली पहुंचकर गांव के ही लोगों पर युवक की हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा था।

शाम होते होते पुलिसकर्मी युवक का शव छोड़ने गांव पहुंचे तो कुछ उपद्रवियों ने पुलिस की टीम पर पथराव और फायरिंग कर दो घरों में तोड़फोड़ करते हुए लूटपाट की थी। जिसके बाद दो इंस्पेक्टर और पांच पुलिसकर्मी घायल हुए थे। युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सड़क हादसा होना बताया गया था।

ग्रामीणों से मुलाकात कर हुआ था खुलासा
मामले को लेकर पुलिस की ओर से अलग- अलग पांच मुकदमे दर्ज किए गए थे। मामले में रविवार को एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने गांव में पहुंचकर मृतक के परिजनों से मुलाकात की थी। इसके साथ ही अध्यक्ष ने मामले को लेकर कुछ अनुसूचित जाति ले लोगों से भी जानकारी ली।

महिला ने लगाए थे लूट के आरोप
इस बीच एक अनुसूचित जाति की महिला ने अध्यक्ष को बताया था कि 12 जून की शाम को वह बच्चों के साथ घर में बैठी हुई थी। इसी दौरान दूसरी बिरादरी के कई लोग पुलिस के साथ घर में घुस आए और मारपीट करते हुए घर में तोड़फोड़ करने लगे। उन्होंने छेड़खानी और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल भी किया था। इसके अलावा घर में ट्रैक्टर बेचकर जो डेढ़ लाख की नकदी थी वो भी लूट ली।

मामले को लेकर जांच शुरू
आयोग के अध्यक्ष ने एसएसपी अजय सिंह को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच में जो भी बात सामने आएगी उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।