टीचर ने बच्चों को फेल कर दिया तो सुना होगा, लेकिन उत्तराखंड में यहां छात्रों ने 382 शिक्षक कर दिए फेल

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उत्तराखंड से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अक्सर आपने सुना होगी कि अच्छा परफॉर्म ना करने पर टीचर बच्चों को कम नंबर देते हैं जिसके चलते बच्चे फेल हो जाते हैं। लेकिन उत्तराखंड की एक यूनिवर्सिटी में बच्चों को शिक्षक का परफॉर्मेंस पसंद नहीं आई और छात्र-छात्राओं ने उन्हें फेल कर दिया है।


उत्तराखंड में यहां छात्रों ने 382 शिक्षक कर दिए फेल
उत्तराकंड की यूटीयू यानि उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ने अपने 382 शिक्षकों को फेल कर दिया। इन शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके छात्रों को पसंद नहीं आए। अब इन सभी शिक्षकों को अपने शिक्षण कार्य पर और ध्यान देनो होगा। इसके साथ ही अच्छे तरीके से बढ़ाने के लिए और मेहनत करनी होगी।

स्टूडेंट्स से मांगा था 1,728 शिक्षकों का फीडबैक
दरअसल उत्तराखंड टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत यूनिवर्सिटी ने अपने यहां पढ़ने वाले 22,079 स्टूडेंट्स से उनको पढ़ाने वाले 1,728 शिक्षकों का फीडबैक मांगा। फीडबैक में 382 शिक्षक स्टूडेंट्स की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए। नतीजन अन्य शिक्षकों के मुकाबले उन्हें कम अंक मिले। बता दें कि यूनिवर्सिटी ने सभी छात्र-छात्राओं से 41 अलग-अलग बिंदुओं पर शिक्षकों का तीन श्रेणी में फीडबैक मांगा था। जिसमें 1,728 शिक्षकों में से 382 को कम अंक मिले।

23 शिक्षकों को 50 प्रतिशत से भी कम मिले अंक
मिली जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय ने चार महीने पहले यूटीयू और उससे संबद्ध सभी तकनीकी संस्थानों के छात्रों से फीडबैक मांगा था। विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर परीक्षा की आनसर शीट को इंटरनेट पर देखने से पहले शिक्षकों का फय़ीडबैक देना अनिवार्य कर दिया था। इस फीडबैक में 382 शिक्षक उत्कृष्टता की श्रेणी तक नहीं पहुंच सके। बता दें कि उत्कृष्टता की श्रेणी 80 प्रतिशत है। जबकि 23 शिक्षकों को तो छात्रों ने 50 प्रतिश और उस से भी कम अंक दिए। 807 शिक्षकों ने 80 से 90 प्रतिशत नंबर हासिल किए।

अब शिक्षकों को करना होगा सुधार
70 प्रतिशत से कम अंक वाले शिक्षकों अपने पढ़ाने के तरीके में सुधार करना होगा। इसके साथ ही 50 प्रतिशत से कम अंक वाले शिक्षकों को अपने विशेष सुधार करना होगा। बता दें कि छात्रों से फीडबैक के लिए 6 श्रेणियों के अंतर्गत 41 सवाल पूछे गए थे। हर सवाल के लिए चार विकल्प दिए गए थे। जिसमें से छात्र-छत्राओं को एक ही आप्शन चुनना था।